शिक्षक दिवस पर भव्य आयोजन में शिक्षकों को सम्मानित किया गया
औरंगाबाद/ऊदगाव पियूष/नरेंद्र जैन. देश का भविष्य शिक्षकों के हाथों में ही सुरक्षित है,वे चाहें तो देश को 2025 तक विश्व गुरु,विश्व सिरमौर बना सकते हैं।हमें विनय पूर्वक अपने शिक्षकों का सम्मान करना चाहिये उनकी विनय करनी चाहिए क्योंकि बिना विनय के विद्या प्राप्त नहीं हो सकती।अपने छात्र जीवन का स्मरण करते हुये उन्होंने कहा कि उस समय हमारी इतनी हिम्मत नहीं होती थी कि हम अपने मास्टर साहब से आंख मिलाकर देख भी सकें,बात करना दो दूर।तब बच्चे डरते थे अब शिक्षक डरता है कि कहीं उनकी शिकायत न कर दी जावे। शिक्षक ही देश का भविष्य निर्माता है।
उपरोक्त विचार कुंजवन उदगाव में जैन तीर्थ पर आचार्य सनमतिसागर छतरी के निकट आदिसागर भवन में शिक्षक दिवस पर ब्रह्मदेव पुरातन ट्रस्ट द्वारा आयोजित ज्ञान गरिमा शिक्षक सम्मान समारोह में ,557 दिन की मौन एकांत साधना व 496 दिन के उपवास करने वाले प्रसिद्ध जैन आचार्य अन्तर्मना श्री प्रसन्न सागर ने उपस्थित अपार जनसमूह को संबोधित करते हुए व्यक्त किये।संघ के सभी 17 साधुओं ने अपने आशीर्वाद शिक्षकों को प्रदान किये।
उपाध्याय श्री पीयूष सागर जी ने कहा बच्चे की प्रथम शिक्षक माँ है,लेकिन यह उसकी आस्था व विश्वास का प्रतीक है कि वह अपना बेटा एक अनजान शिक्षक के हाथों उसका भविष्य सुधारने हेतु सौंप देती है।उन्होंने कहा आज शिक्षा में बच्चों को टेंशन बहुत है जो आप लोगों को दूर करने का प्रयास करना चाहिये।
वर्णी क्षुल्लक श्री सहज सागर ने सर्वपल्ली डॉ राधाकृष्णन से हुई अपनी एक भेंट का स्मरण करते हुये कहा कि वह हमेशा पगड़ी पहिनते थे व उस सभा में उन्होंने कहा था कि शिक्षक का इस पगड़ी की लाज रखना कर्तव्य है।शिक्षक की व्याख्या करते हुये उन्होंने कहा जो शिक्षाशील, क्षमाशील,करुणा शील होता है वह शिक्षक है।नई शिक्षा नीति का उल्लेख करते हुए उन्होंने मोदी सरकार से अपील की ,कि शिक्षकों के ऊपर अध्यापन के अतिरिक्त जो कार्य डाल दिये गये हैं वह बंद होने चाहिए क्योंकि इससे शिक्षण कार्य प्रभावित हुआ है।उदयपुर से पधारे शिक्षक श्री जयेश ने शिक्षकों को अपने कर्तव्यों की ओर ध्यान देने की बात कहते हुए कहा कि ये शिक्षक ही है जो डॉक्टर, इंजीनियर, वकील सीए बनाता है।
कार्यक्रम का संयोजन/संचालन/आभार ज्ञापन पुष्पगिरी सोनकच्छ से पधारे डॉ आकाश सर ने कुशलता पूर्वक किया।ट्रस्ट के सुशील पाटिल ने सभी का स्वागत किया।आचार्य श्री ने सभी शिक्षकों को जापमाला पहिना व पेन देकर आशीर्वाद दिया।सभी को मोमेंटों ट्रस्ट द्वारा भेंट किये गये।विधानाचार्य श्री प्रमोद मामा जी ने सभी को तिलक से सम्मानित किया। श्री मती शोभा माँ, पन्ना मां ,ममता जी,साधना आदि ने गले में पट्टा पहिना कर स्वागत किया।स्थानीय के अतिरिक्त कोल्हापुर व सांगली जनपद से पधारे लगभग 200 शिक्षक,शिक्षिकाओं का सम्मान किया गया।आचार्य संघ की आरती के साथ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।पियूष कासलीवाल नरेंद्र अजमेरा