ललितपुर, नवागढ़। महरौनी विकासखंड में स्थित दिगम्बर जैन प्रागैतिहासिक अतिशय क्षेत्र नवागढ़ में चर्या शिरोमणि आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज सहित 27 पिच्छि धारी दिगम्बर मुनिराजों के सान्निध्य में ब्र. जय निशांत भैया जी के निर्देशन में दो-दिवसीय नवागढ़ महोत्सव शुक्रवार को अभूतपूर्व, ऐतिहासिक सफलता के साथ सम्पन्न हो गया।
शुक्रवार की प्रातः की बेला में चर्या शिरोमणि आचार्य श्री विशुद्धसागर जी महाराज ससंघ 27 पिच्छी सहित नवागढ़ अतिशय क्षेत्र में भव्य प्रवेश हुआ । गाजे-बाजे के साथ भव्य अगवानी की गई ।
क्षेत्र कमेटी नवागढ़ के प्रचारमंत्री डॉ. सुनील संचय ने बताया कि प्रातः नित्य नियम पूजन भक्ति संगीत के साथ की गई, इसके बाद अभय जैन भदौरा ने ध्वजारोहण किया। वर्ष में एकबार होने वाला मूलनायक अरनाथ भगवान का महामस्तकाभिषेक पूजन श्रद्धा भक्ति के साथ किया गया, महामस्तकाभिषेक करने अनेक स्थानों से श्रद्धालु उमड़ पड़े। प्रथम कलश से महामस्तकाभिषेक अभय जैन प्रीति विहार दिल्ली, द्वितीय कलश से महामस्तकाभिषेक इंजी. शिखरचंद जैन, डॉ प्रदीप जैन, ब्र. जय कुमार निशांत, राजकुमार जैन पुष्प परिवार टीकमगढ़, तृतीय कलश से राकेश जैन, अरिहंत जैन सोनीपत ने अरनाथ भगवान का महामस्तकाभिषेक करने का सौभाग्य प्राप्त किया।
शांतिधारा करने का सौभाग्य सुनील जैन प्रीति विहार दिल्ली व राकेश जैन सोनीपत ने प्राप्त किया। आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज का पाद प्रक्षालन राकेश जैन प्रीति विहार दिल्ली व शास्त्र भेंट करने का अवसर सुनील जैन दिल्ली ने किया। महा अनुष्ठान की समस्त क्रियाविधि ब्रह्मचारी जय कुमार निशांत भैया के निर्देशन में प्रख्यात प्रतिष्ठाचार्य पंडित विनोद कुमार जी रजवास व पंडित मनीष जैन संजू के प्रतिष्ठाचार्यत्व में संपन्न हुआ।
त्यागीवृत्ति आवास का शिलान्यास :
आचार्यश्री के सान्निध्य में दोपहर में त्यागीवृत्ति आवास का शिलान्यास संपन्न किया गया । शिलान्यास करने का सौभाग्य अभय कुमार-वर्षा जैन हीरापुर, इंजी. रघुवरदयाल जैन, इंजी. रवि जैन, शिखा जैन छतरपुर, डॉ बाहुवली जैन, डॉ त्रिशला जैन भीलवाड़ा राजस्थान को प्राप्त हुआ।
इस मौके पर आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज ने अपने प्रवचनों में नवागढ़ क्षेत्र के श्रद्धालुओं की प्रशंसा करते हुए उन्हें आशीर्वाद दिया । इसी प्रकार भगवान की पूजा, विधान करके अपने जीवन को मंगलमय बनाएं। उन्होंने कहा कि नवागढ़ जैसे क्षेत्रों का संरक्षण और संवर्द्धन जरुरी है, ये हमारी सांस्कृतिक धरोहर है। नवीन क्षेत्र, मंदिर बनें परन्तु प्राचीन क्षेत्रों की उपेक्षा न हो। प्राचीन तीर्थ, मंदिर आस्था के केंद्र हैं, हमारी अमूल्य विरासत हैं। नवागढ़ तीर्थ भूमि प्राचीन विरासत, पुरातत्व को समेटे है।
लोकनृत्य व जबाबी कीर्तन की प्रस्तुति रही अनूठी, अद्भुत :
नवागढ़ महोत्सव में संभावना समग्र समिति सागर के कलाकारों द्वारा प्रस्तुत अतिभव्य, मनभावन लोकनृत्य की प्रस्तुतियों ने पूरे आयोजन में समा बांध दिया, बुंदेली विधाओं और लोक संस्कृति का अनूठा संगम देखने मिला। नृत्य, लोकगीत गायन की लाजवाब प्रस्तुतियाें ने दर्शकों को बांधे रखा। एक से बढ़कर एक लोकनृत्य की बहुत ही भव्य प्रस्तुति देखकर दर्शक कह उठे अदभुत, ऐतिहासिक, अनूठी प्रस्तुति। वहीं क्रान्तिमाला, बाबूलाल नादान आदि द्वारा प्रस्तुत जबाबी कीर्तन ने समा बांध दिया।
जैन मंदिर की सजावट ने मन-मोहा :
प्रागैतिहासिक तीर्थक्षेत्र पर स्थित जैन मंदिर की भव्य सजावट ने सभी का मन मोह लिया। रात्रि में दूधिया रोशनी में विशाल मंदिर प्रांगण की सजावट सभी को अपनी ओर खींच रही थी। महोत्सव के चक्रवर्ती अभिनव जैन -श्वेता जैन, सौधर्मेंद्र अनुराग जैन -मुक्ता जैन ललितपुर, महायज्ञनायक कुलदीप जैन-सविता जैन, यज्ञ नायक डॉ भरत मीना जैन गुढ़ा, ईशान इंद्र राकेश जैन -शशी जैन,सनत इंद्र-प्रकाश चंद्र जैन -प्रभा जैन बड़ागांव , महेंद्र इंद्र जयकुमार जैन- प्रीति जैन मैनवार को सौभाग्य प्राप्त हुआ, जिसमें अगाध श्रद्धा-आस्था, भक्ति नृत्य के साथ पूजन , भक्ति की।
क्षेत्र के अध्यक्ष सनत कुमार एडवोकेट, महामंत्री वीरचंद्र जैन नेकौरा, संयुक्त मंत्री अशोक कुमार जैन मैनवार, राकेश कुमारजैन, उपाध्यक्ष कपूरचंद जैन, प्रकाश चंद्र जैन ,कोषाध्यक्ष नरेंद्र कुमार जैन टीकमगढ़, सह कोषाध्यक्ष पंडित इन्द्रकुमार जैन, ऑडिटर प्रकाश चंद्र, बच्चू बड़ागांव , मनीष संजू सुरेन्द्र जैन आदि ने सभी ने इस महान अनुष्ठान में उपस्थित अतिथियों का स्वागत किया।
आयोजन को सफल बनाने में नवागढ़ तीर्थक्षेत्र कमेटी, नवागढ़ गुरुकुलम के बच्चों, युवा जागृति संघ, महिला मंडल आदि का सराहनीय योगदान रहा। इस अवसर पर दिल्ली,ललितपुर, मैनवार, सोजना, गुढ़ा, महरौनी, मड़ावरा, ककरवाहा, नेकौरा, सोजना, बड़ागांव, टीकमगढ़, खरगापुर, कारीटोरन, शाहगढ़, घुवारा, समर्रा, अजनौर, आहार जी, लार, अजनौर, सागर , छतरपुर आदि स्थानों से प्रमुख गणमान्य महानुभाव बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। विधान में संगीत की सुमधुर ध्वनि पुष्पेंद्र एंड पार्टी ने दी। आदिनाथ चैनल के के माध्यम से कार्यक्रम का लाइव प्रसारण किया गया।
ब्र. जय निशान्त भैया रहे महोत्सव के सूत्रधार :
नवागढ़ महोत्सव के सूत्रधार क्षेत्र के निर्देशक ब्र. जय निशान्त भैया रहे। उनके कुशल निर्देशन के कारण महोत्सव ने ऊंचाईयों को छुआ । अनेक भव्य आयोजनों के कारण यह महोत्सव ऐतिहासिक रहा उसके पीछे ब्र. जय निशान्त भैया का अथक श्रम रहा जिसकी सभी ने मुक्तकंठ से खूब प्रशंसा की।