पेट के अल्सर परहेज — विद्यावाचस्पति डॉक्टर अरविन्द प्रेमचंद जैन भोपाल

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अल्सर घाव को कहा जाता है। जब यह घाव आमाशय में हो जाता है, तो उसे पेप्टिक अल्सर कहते हैं। पेट में अल्सर होना केवल तकलीफदेह ही नहीं होता, बल्कि बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। पेप्टिक अल्सर , पेट की अंदरूनी सतह पर बनने वाला छाला होता है। समय पर इलाज ना मिलने पर छाल जख्म में बदल जाता है।
यह आमतौर पर आहार नली, पेट और छोटी आंत के ऊपरी भाग की भीतरी झिल्ली में होता है। यह एक गम्भीर स्थिति बीमारी है, जिसमें मरीज को बहुत दिक्कतें होने लगती हैं।
पेट में अल्सर होना क्या है
पेप्टिक अल्सर को गैस्ट्रिक अल्सर भी कहते हैं। समय पर भोजन ना करने, तथा तीखा-मसालेदार भोजन करने से शरीर में पित्त दोष बढ़ जाता है, जो अनेक रोगों को जन्म देता है। यह आमाशय या छोटी आंत के ऊपरी हिस्से में होता है। यह तब होता है जब भोजन पचाने वाला अम्ल आमाशय या आंत की भीतरी श्लैष्मिक झिल्ली को नुकसान पहुँचाने लगता है। हमारे पेट में म्यूकस की एक चिकनी परत होती है, जो पेट की भीतरी परत को पेप्सिन और हाइड्रोक्लोरिक एसिड से बचाती है। यह दोनों एसिड पाचन क्रिया के लिए जरूरी होते हैं, लेकिन यह शरीर के ऊत्तकों को नुकसान भी पहुँचा सकते हैं। यह एसिड और म्यूकस झिल्ली के बीच का संतुलन बिगड़ने पर ही अल्सर होता है।
गैस्ट्रिक अल्सर इतने प्रकार के हो सकते हैंः-
गैस्ट्रिक अलसर – यह पेट के अन्दर होता है।
एसोफाजाल अलसर – यह आहार नली में होता है।
डुएडेनल अलसर – यह छोटी आंत के ऊपरी भाग में होता है जिसे Duodenum कहते हैं।
गैस्ट्रिक अल्सर के लक्षण
मरीज को अल्सर के निम्न लक्षण महसूस हो सकते हैंः-
पेट में दर्द होना इसका प्रमुख लक्षण है। खाली पेट रहने पर यह दर्द और भी तेज हो जाता है।
पेट में जलन होना। रात के समय पेट में जलन बढ़ जाती है।
अधिक गम्भीर स्थितियों में खून की उल्टी होना।
मल का रंग गहरा होना।
जी मिचलाना और खाने की बिल्कुल इच्छा न करना।
शरीर के वजन में गिरावट गैस्ट्रिक अल्सर के लक्षण होते हैं।
पेप्टिक अल्सर होने के कारण
अल्सर की बीमारी निम्न कारणों से हो सकती हैः-
हेलिकोबैक्टर पाइलोरी नामक बैक्टेरिया का संक्रमण अल्सर होने का सबसे प्रमुख कारण है। यह दूषित भोजन एवं पानी के द्वारा पेट में जाता है।
पेट में अत्यधिक मात्रा में एसिड का स्राव होना।
तैलीय और मिर्च मसाले युक्त भोजन का अधिक सेवन करना।
अधिक मात्रा में शराब, कैफीन और तम्बाकू का सेवन।
लम्बे समय तक ज्यादा दर्द निवारक दवाओं का सेवन।
ओस्टियोपोरोसिस में ली जाने वाली दवाओं का सेवन करना।
एस्पिरिन या ज्वलनरोधक दवाओं का सेवन करना।
अत्यधिक तनाव के कारण
अनुवांशिक कारणों से
डायबिटीज
गैस्ट्रिक (पेप्टिक) अल्सर का घरेलू इलाज
– सहजन
सहजन के पत्तों को पीसकर दही के साथ मिलाकर खाएँ। इसे दिन में एक बार खाएँ। पेट में अल्सर के लक्षणों से राहत पाने के लिए सहजन का प्रयोग लाभकारी होता है।
नींबू
आधा कप ठण्डे दूध में आधा नीम्बू निचोड़ लें। इसे पीने से पेट को आराम मिलता है और दर्द में राहत मिलती है।
पत्ता गोभी और गाजर
पत्तागोभी और गाजर को बराबर मात्रा में लेकर जूस निकाल लें। इस जूस को सुबह-शाम एक कप पीने से पेप्टिक अल्सर के लक्षणों में आराम मिलता है।
मेथी
एक चम्मच मेथी को दो कप पानी में उबालें। इसे छानकर इसमें एक चम्मच शहद मिलाकर पिएँ। पेट में अल्सर होने पर उसके लक्षणों से आराम दिलाता है।
बादाम
5-7 बादाम पीसकर एक गिलास दूध में उबाल लें, और ठण्डा करके पिएँ। पेट में अल्सर की परेशानी से यह आराम दिलाता है।
सौंफ का उपयोग फायदेमंद
चूड़ा और सौंफ को बराबर मात्रा में मिलाकर चूर्ण बनाएँ। इस 20 ग्राम चूर्ण को दो लीटर पानी में सुबह घोलकर रख दें। शाम को इस मिश्रण को पी लें। नियमित रूप से पीने से पेप्टिक अल्सर में आराम मिलता है।
मुनक्का से लाभ
4-5 मुनक्के को रात में पानी में भिगा दें। इसमें दो छोटी हरड़ मिलाकर पीस लें। सुबह इसका सेवन करें। इससे अल्सर में होने वाले जलन और उल्टी जैसे लक्षणों से राहत मिलती है।
पान
पान के हरे पत्तों का आधा चम्मच रस रोज पिएँ। इसे पीने से पेट के अल्सर व दर्द में लाभ होता है।
घी और हींग से लाभ
घी में एक चौथाई चम्मच हींग को भून लें। इसमें एक चम्मच जीरा और एक चुटकी सेंधा नमक डालकर सेवन करें। यह लाभदायक उपाय है।
आंवला से लाभ
आँवले का मुरब्बा पेट के अल्सर में फायदेमन्द है। इसका सेवन करें। पेट के अल्सर की बीमारी में यह आपको मदद पहुंचाता है।
केला से फायदा
कच्चे केले की सब्जी बनाकर एक चुटकी हींग मिलाकर खाएँ। यह एक असरदार उपाय है, जो पेट के अल्सर रोग में फायदेमंद है।
अन्य घरेलू उपचार
एक गिलास ठण्डे दूध में उतना ही पानी मिलाकर पिएँ।
छाछ की कढ़ी बनाकर प्रतिदिन मक्के की रोटी के साथ खाएँ।
हींग को पानी में मिलाकर नियमित रूप से पिएँ।
नियमित रूप से सुबह अनार का रस पिएँ।
भोजन में गाय के दूध से बने घी का इस्तेमाल करें।
खान-पान
अल्सर रोग के दौरान आपका खान-पान ऐसा होना चाहिएः-
रोज एक सेब खाने से पेट के अल्सर का प्रभाव कम होता है। सेब में फ्लेवनॉइड्स होता है, जो एच .पाइलोरी नामक बैक्टेरिया को पनपने से रोकता है।
दही पेट के लिए बहुत लाभदायक है। इसमें प्रोबिओटिक्स , लैक्टोबोसिल्लुस और एसिडोफिलस पाया जाता है। यह पेट के अल्सर को ठीक करने में मदद करता है।
रोज लहसुन की 2-3 कलियाँ खाएँ। यह बैक्टेरिया एच पाइलोरी को मारने में मदद करता है।
नियमित सुबह ग्रीन टी पीने से इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स पेट के अल्सर से बचाव करता है।
फूलगोभी में सुल्फोराफाने होता है, जो पेट में अल्सर उत्पन्न करने वाले बैक्टेरियाएच पाइलोरी को नष्ट करता है। सात दिन तक दिन में दो बार फूल गोभी खाने से पेट के अल्सर के बैक्टेरिया का प्रभाव कम हो जाता है।
मूली में फाइबर होता है, जो पाचन को बेहतर करता है। यह जिंक एवं खनिज को अवशोषित करता है। नियमित सफेद मूली खाने से पेट की सूजन कम होती है। कब्ज की समस्या नहीं होती, साथ ही अल्सर रोग में भी यह प्रभावी है।
हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करना चाहिए, तथा मिर्च-मसाले युक्त भोजन कभी नहीं करना चाहिए।
जीवनशैली
अल्सर रोग के दौरान आपकी जीवनशैली ऐसी होनी चाहिएः-
अधिक देर तक या बार-बार भूखे नहीं रहना चाहिए।
नियमित समय पर भोजन करें।
दर्द निवारक एवं एंटीबायोटिक दवाओं का प्रयोग कम से कम करें।
अल्सर होने पर रोगी को भोजन के प्रति अरुचि हो जाती है। मरीज का भोजन ठीक से नहीं पचता है। रोगी को ठीक से भूख नहीं लगती है। इस कारण उसका वजन घटने लगता है।
आयुर्वेद में त्रिदोषों वात, पित्त और कफ को शरीर का आधार माना गया है। भोजन और जीवनशैली में की गई गड़बड़ी के कारण दोष असंतुलित हो जाते हैं। इस कारण अनेक रोग उत्पन्न होते है। पित्त दोष से अल्सर, एसिडिटी और पेट के अन्य रोग भी होते हैं।
पेट दर्द और उल्टी जैसे लक्षणें के कारण अल्सर के रोगी को बहुत परेशानी होती है। पेट के अल्सर का इलाज समय पर ना करने से यह कैंसर में भी परिवर्तित हो सकता है। इसलिए अल्सर से संबंधित लक्षण दिखते ही तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करना चाहिए।
आयुर्वेद योग ===
अविपत्तिकर चूर्ण ,हिंग्वष्टक चूर्ण ,चित्रकादि वटी ,अम्लपित्तनत्तक चूर्ण
पानी खूब पिए ,मिर्च मसाले ताली चीज़े बंद
तनाव ,चिंता कम करे
प्रसन्न रहे
विद्यावाचस्पति डॉक्टर अरविन्द प्रेमचंद जैन संरक्षक शाकाहार परिषद् A2 /104 पेसिफिक ब्लू ,नियर डी मार्ट, होशंगाबाद रोड, भोपाल 462026 मोबाइल ०९४२५००६७५३

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