पत्थर से परमात्मा की यात्रा में समर्पण

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आर्यिका 105 विज्ञाश्री माताजी

नैनवा संवाददाता महावीर सरावगी द्वारा
13 सितंबर बुधवार भारत गौरव गणिनी आयिका 105 विज्ञा श्री माता ने गुंसी जिला टोक विज्ञा तीर्थ पर बताया
हनुमान राम को अपना बनाने के लिए भक्ति के रंग में रंग गए थे हमारा समर्पण भी हनुमान की तरह होना चाहिए
जिस प्रकार सोना पिघलता है तो वह आभूषण बन जाता है उसी प्रकार इंसान अपने अहंकार को छोड़ दे तो वह परमात्मा बन जाएगा
एक पत्थर ने अपना जीवन शिल्पी को समर्पण कर दिया तो वह मूर्ति बन जाती है पत्थर दिलवाले अपना अहंकार छोड़ दे तो मूर्ति भगवान बनाकर विराजमान हो जाती है

शांति मंडल विधान के पुनर्जनप सुरेश चंद जैन माधव राजपुरा निवाई
शिरोमणि संरक्षक प्रमोद जैन जबलपुर वाले प्रथम अभिषेक का सौभाग्य प्राप्त किया
ओमप्रकाश जैन बूंदी वालों ने जन्मदिन पर शांति धारा करने का सौभाग्य प्राप्त किया

महावीर कुमार जैन सरावगी जैन गजट संवाददाता नैनवा जिला बूंदी राजस्थान

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