पश्चिम बंगाल के शिक्षण शिविरों का समापन,झारखंड में 19 मई से प्रारंभ
शिविरों के आयोजनों से बच्चों में आएंगे धर्म के संस्कार आ. सुज्ञानमति
खुटी/- परम पूज्य आचार्य श्री ज्ञान सागर जी महाराज के जन्म दिवस के पावन अवसर पर पश्चिम बंगाल, झारखंड, उड़ीसा के सराक क्षेत्र में आचार्य श्री ज्ञेय सागर जी,आर्यिका श्री स्वस्ति भूषण माताजी, आर्यिका श्री आर्ष मति माताजी, आर्यिका श्री सुज्ञान मति माताजी के आशीर्वाद से ब्र. मंजुला दीदी, ब्र. मनीष भैया के निर्देशन में भारतवर्षीय सराक ट्रस्ट के तत्वावधान में पुरुलिया जिला में चल रहे शिक्षण शिविरों का समापन 18 मई को संपन्न हुआ। शिविर समापन में जूम चैनल के माध्यम से मुनि श्री नियोग सागर जी महाराज,आर्यिका श्री सुज्ञान मति का मंगल सान्निध्य प्राप्त हुआ। कार्यक्रम का मंगलाचरण रामदुलार जैन सराक ने किया चित्रावरण, दीपप्रज्वलन उपस्थित विद्वत श्री पंडित जयकुमार दुर्ग, राजकुमार शास्त्री कर्द, पं. रीतेन्द्र जैन ने किया। एवं सामूहिक मंगरचारण विदुषी श्रीमती स्नेहा जैन,सपना जैन और साधिका जैन ने किया। सभी उपस्थित विद्वानों का सम्मान गौरांग जैन, रामदुलार जैन द्वारा किया गया। शिविर स्थानों में धनियाडांगा,बेड़ों, सुंदराबान, भागांवान, लायकड़ागा, पांच पहाड़ी, लाली,कोतूमा स्थान पर शिक्षण शिविरों द्वारा धर्म प्रभावना हुई। जिसका सामूहिक समापन समारोह, जिसमें प्रथम द्वितीय द्वितीय स्थान प्राप्त शिवराथियों के लिए पुरस्कार एवं प्रमाण पत्र प्रदान किए गए एवं जिन्होंने मेहंदी सिलाई पेंटिंग में अपना स्थान प्राप्त किया है उनका भी सम्मान किया गया। बच्चों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी एवं समापन के अवसर पर मिष्ठान वितरण किया गया। शिवराथियों ने अपने विचार व्यक्त किये।
अंत में आर्यिका श्री सुज्ञानमती माताजी ने आशीष वचन में कहा कि सराकोद्धारक आचार्य श्री ज्ञान सागर जी महाराज की प्रेरणा से विगत वर्षों से चल रहे शिक्षण शिविरों के द्वारा बच्चों में संस्कार आते हैं, इन शिविरों का आयोजन हमेशा होना चाहिए। मुनि श्री नियोग सागर जी महाराज ने आशीष वचन में कहां की अगर हमें ज्ञान प्राप्त करना है तो हमें कुछ सीखना और जानना होगा। इसके लिए कम समय में आयोजित होने वाले शिक्षण शिविरों में भाग लेकर समय का सदुपयोग कर जीवन में ज्ञानार्जन करें। शिविर मुख्य संयोजक मनीष विद्यार्थी ने अपने कहां की इस भीषण गर्मी के समय में विद्वानों द्वारा समय निकालकर सराक क्षेत्र आना, वहां शिविर लगाना और अपने अनुकूल परिस्थितियों का ना होकर शिविरों का संचालन करना बड़ा कठिन कार्य है फिर भी यहां आकर बच्चों को धार्मिक शिक्षा देकर जैन धर्म की प्रभावना करना बड़ा ही सराहनीय कार्य है। इसके बाद 19 मई से खूटी जिले झारखंड के विभिन्न स्थानों पर ज्ञान संस्कार शिक्षण शिविरों का शुभारंभ हुआ। जिसमें खूटी दिगंबर जैन समाज द्वारा विद्वानों की अवास व्यवस्था की गई, समाज के अध्यक्ष श्री शिखरचंद जैन शिविर किट का विमोचन कर शिविरों का शुभारंभ किया। शिविर व्यवस्थाओं के लिए अनुज जैन सराक भी अपनी सेवाएं दे रहे हैं। पश्चिम बंगाल झारखंड उड़ीसा के विभिन्न स्थानों पर धार्मिक शिक्षण शिविर एवं शाकाहार
के लिए किया जा रहा कार्य से भारतीय संस्कृति को पुनः जीवन्त करने में सहभागिता रहेगी।
सादर प्रकाशनार्थ
श्रीमान संपादक संपाददाता महोदय जी
मनीष जैन विद्यार्थी सागर
शिविर मुख्य संयोजक