ओवर ट्रेनिंग सिन्ड्रोम एक्सरसाइज बन सकती है हार्ट अटैक की वजह – विद्यावाचस्पति डॉक्टर अरविन्द प्रेमचंद जैन

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स्वस्थ्य रहने के लिए एक्सरसाइज बहुत जरूरी है। शारीरिक गतिविधि करने वाले लोगों में बीमारी का जोखिम कम होने के साथ ही इम्युनिटी मजबूत होती है। लेकिन ज्यादा एक्सरसाइज आपकी हालत बिगाड़ने का भी काम करता है। हाल ही में राजू श्रीवास्तव, पुनीत राजकुमार जैसे कई सेलिब्रिटी की वर्कआउट करने से हार्ट अटैक से मौत के मामले सामने आएं हैं। ऐसे में जरूरी है आपको पता हो कितना और कब एक्सरसाइज करना कम कर देना चाहिए।
फिट रहने के लिए जिम लोगों की पहली पसंद होती है। हालांकि योगा को फिट रहने का नेचुरल तरीका माना जाता है। दरअसल, जिम में कम समय में ही आप अपने शरीर में कई तरह के बदलाव महसूस करने लगते हैं इसलिए ज्यादातर लोग जिम को प्राथमिकता देते हैं। हाल ही में जिम करते हुए कई सेलिब्रिटी की हार्ट अटैक से हुई मौत की खबर ने जिम करने वाले लोगों में एक डर बैठ दिया है। ऐसे में यह जानना कि कितने घंटे एक्सरसाइज करना सुरक्षित है? आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
प्रत्येक सप्ताह स्वस्थ वयस्कों को १५० मिनट की मध्यम-तीव्रता वाली शारीरिक गतिविधि और २ दिनों की मांसपेशियों को मजबूत करने वाली गतिविधि की आवश्यकता होती है। इससे ज्यादा एक्सरसाइज आपके लिए नुकसादायक साबित हो सकती है।
इससे ज्यादा एक्सरसाइज या शरीर को पर्याप्त आराम दिए बिना किए जाने वाले एक्सरसाइज को मेडिकल भाषा में ओवर ट्रेनिंग सिंड्रोम कहा जाता है। जिसका असर आपके शरीर और दिल के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। चलिए जानते हैं कैसे पता करे कि आप जरूरत से ज्यादा एक्सरसाइज कर रहें हैं या नहीं।
कई दिनों तक शरीर में दर्द
जिम शुरू करने के बाद तीन-चार दिन मसल मे दर्द होता है। लेकिन एक हप्ते बाद भी अगर मांसपेशियो मे ज्यादा दर्द हो रहा हो या कही मांसपेशियो मे छोटी मोठी चोट हो गई हो तो ये संकेत है की आप गलत तरीके से व्यायाम कर रहे है। या शरीर की आवश्यकता से ज्यादा उस पर प्रेशर दे रहें हैं।
दिनभर रहती है थकान
जिम या कोई भी व्यायाम करने बाद थोडी देर थकावट महसूस होना आम बात है। अक्सर ये थकावट व्यायाम करने बाद तीन या पाच मिनट में चली जाती है। लेकिन अगर आपको व्यायाम करने के बाद बहुत देर तक थकावट महसूस हो रही है, तो इस पर तुरंत ध्यान देने की जरुरत है| ये शरीर के लिए घातक हो सकता है।
जिम के बाद चिड़चिड़ापन लगना
जिम करने के बाद शरीर हल्का हो जाता है और मन भी प्रसन्न हो जाता है| लेकिन कुछ व्यक्तियों को जिम करने के बाद चिड़चिड़ापन होने लगता है| इसका एक कारण है जरूरत से ज्यादा व्यायाम करना। ज्यादा व्यायाम करने से स्ट्रेस हार्मोन्स का स्तर बढता है। जिससे मूड मे बदलाव आना, ध्यान केंद्रीत न कर पाना, अस्वस्थ लगना, उत्साह कम होना जैसे लक्षण दिखाई देते है|
नींद न आना
ज्यादा व्यायाम करने का परिणाम कुछ व्यक्तियों के नींद पर भी होता है। ज्यादा स्ट्रेस से हार्मोन्स का संतुलन बिगड़ने लगता है।जिससे नींद भी अच्छी से नही आती। नींद पूरी न होने से या अच्छी तरह से न होने से बहुत ज्यादा थकावट महसूस होती है|
कम होने के बजाए बढ़ने लगे वजन
जिम मे जाने के बाद कुछ व्यक्तियो मे वजन कम होने ही बजाय बढ़ जाता है| ऐसा आवश्यक आराम न करने से होता है। ज्यादा जिम करने से पुरुषों में टेस्टोरॉन्स का स्तर प्रभावित होने के साथ शरीर कॉर्टिसोल हार्मोन्स ज्यादा बनाने लगता है। जिससे वजन बढ़ने लगता है।
कैसे करें बचाव
व्यायाम से शरीर को नुकसान ना पहुँचे इसलिए पहले तो आवश्यक डायट लेना जरूरी होता है। वजन कम करने के लिए खाली पेट जिम करना खतरनाक हो सकता है| दो केले भी खाकर जिम मे जाए तो अच्छे फायदे नजर आएगे। इसके साथ ही व्यायाम शुरू करने से पहले जिम इस्ट्रक्टर की सलाह लें।
इसके अलावा डायबिटीज, हृदय विकार, हाई ब्लडप्रेशर जैसी बीमारियों से ग्रसित व्यक्ति जिम शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
आयुर्वेदानुसार व्यायाम की महत्ता
.आजकल व्यक्ति सुविधा भोगी के साथ सुलभ साधन अपनाना चाहता हैं जिस कारण जिम का चलन प्रचुरता से होने लगा जिससे अनेकों को लाभ भी हुआ पर उसके दुष्परिणाम भी सामने आ रहे हैं .
व्यायाम क्या हैं ,कितनी मात्रा में करना चाहिए ,किसको करना चाहिए और किनको नहीं और क्या आहार होना चाहिए .?
व्यायाम —
शरीरचेष्टा च चेष्टा स्थैर्यार्थ बलवर्धनी ,देहव्यायाम संख्याता मात्रया तां समाचरेत .(चरक सूत्रस्थान ७/३१ )
शरीर को जो चेष्टा मन के अनुकूल शरीर में स्थिरता लाने वाली और बल बढ़ाने हो उसे शरीरीक
व्यायाम कहते हैं .इसे उचित मात्रा में सेवन करना चाहिए .
लाघवँ कर्मसमर्थयर स्थैर्य दुखसहिष्णुता .दोषक्षायाग्नि वृद्धिश्च व्यायमादुपजायते .
व्यायाम करने से देह में हल्कापन .कार्य करने की शक्ति ,शरीर में स्थिरता ,दुःख सहने की क्षमता ,वृद्ध दोषों की क्षीणता और अग्नि की वृद्धि होती हैं .
श्रमः क्लमः क्षयस्त्रष्णा रक्तपित्तम प्रातमक:.अतिव्यायममतः कासो जवरश्चदिश्च जायते .
मात्रा से अधिक व्यायाम करने से थकावट ,क्लम (बिना परिश्रम का थकावट ) रसादि धातुओं का क्षय ,प्यास की अधिकता ,रक्तपित्त रोग ,प्रतमक श्वाश ,कास ,ज्वर वमन रोग हो जाते हैं .
स्वैदागमः श्वासवृद्धिर्गात्रानां लाघवँ तथा .हृदयाघुपरोधश्च इति व्यायाम लक्षणम .
स्वेद का निकलना ,श्वास की वृद्धि ,शरीर के प्रत्येक अंग में लघुता ,हृदयादि प्रदेश में बाधा (हृदय -गति का तीव्र होना )ये व्यायाम के लक्षण हैं .
व्यायाम .हंसना अधिक बोलना ,रास्ता चलना ,मैथुन ,जागना आदि कर्म यदि अभ्यास करने से उचित हो गया हो तो भी बुद्धिमान व्यक्ति को इनका सेवन अधिक मात्रा में नहीं करना चाहिए .शक्तिशाली व्यक्तियों को भी अति परिश्र्म /व्यायाम नहीं करना चाहिए जैसे हाथी को खींचने से सिंह की मृत्यु हो जाती हैं .व्यायाम करने की मात्रा के बारे में बताया गया हैं की जितनी मेहनत करने से पसीना हमारी कांख(एक्सिला)में आता हैं उससे आधी करना चाहिए .
जो व्यक्ति अधिक मैथुन ,अधिक भारवहन ,अधिक रास्ता चलने से अधिक दुबला हो गए हैं ,क्रोध ,शोक ,भय और परिश्रम से आक्रांत हैं एवं बालक ,वृद्ध और प्रबल वात प्रकृति वाले ,उच्च स्वर से बोलने वाले ,भूख एवं पिपासा से पीड़ित हैं ऐसे व्यक्तियों को व्यायाम नहीं करना चाहिए .
इस प्रकार आजकल जिम में पौष्टिकता के नाम जो प्रदाय किया जा रहा हैं वह भी घातक होता हैं जितने हम प्राकृतिक सामग्री का सेवन करेंगे उतना अधिक लाभकारी होगा .
विद्यावाचस्पति डॉक्टर अरविन्द प्रेमचंद जैन संरक्षक शाकाहार परिषद् A2 /104 पेसिफिक ब्लू ,नियर डी मार्ट, होशंगाबाद रोड भोपाल 462026 मोबाइल ०९४२५००६७५३

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