जयपुर। संयुक्त अभिभावक संघ ने विंटर वेकेशन पर स्कूलों को जारी शिक्षा विभाग की चेतावनी को केवल पब्लिकसिटी स्टंट करार देते हुए कहा की शिक्षा विभाग की चेतावनी “थोथा चना बाजे घना” जैसी बनकर रह गई है जो केवल खानापूर्ति के लिए आदेश तो जारी करते है किंतु उल्लघंन करने वालों पर कार्यवाही नही करते है।
प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा की जयपुर, अजमेर, उदयपुर, सिरोही इत्यादि जिलों से शिकायतें प्राप्त हुई। अभिभावक बता रहे है की विभाग द्वारा शीतकालीन अवकाश होने के बावजूद स्कूल एक्स्ट्रा क्लास का नाम देकर बच्चों को जबर्दस्ती स्कूल बुला रहे है नही आने पर नंबर काटने, रिजल्ट खराब करने की धमकी दे रहे है। पहाड़ी और खेतीबाड़ी के इलाकों में सर्दी बढ़ रही है, दो दिनों से हवा तेज हो गई है। ऐसी स्थिति में अभिभावक बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित है किंतु स्कूल संचालक बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही बरत स्कूल बुलाने का दबाव बना रहे है। विभाग पहले ही कानूनों की पालना में लापरवाही बरत रहा है सुप्रीम कोर्ट दो बार फीस एक्ट 2016-17 की पालना के आदेश दे चुका है जिसकी आजतक पालना नही करवाई गई। निजी स्कूलों की मनमानी की हजारों शिकायतें विभाग में वर्षों से पेंडिग चल रही है वहां भी कोई कार्यवाही नही हुई। इसी तरह आरटीई का मेटर है जिसमें भी शिक्षा विभाग लगातार लापरवाही बरतकर हजारों बच्चों के भविष्य के साथ अन्याय कर रही है। आरटीई में ना बच्चों को शिक्षा मिल रही है, ना एडमिशन मिल रहा है।
प्रदेश कोषाध्यक्ष सर्वेश मिश्रा ने बताया की शीतकालीन अवकाश को लेकर शिक्षा अधिकारी राजेंद्र हंस से चर्चा की तो उन्होंने अवगत करवाया की शिक्षा विभाग के शिविर पंचांग की पालना प्रत्येक स्कूल को करनी आवश्यक है। किंतु लगातार शिकायतें प्राप्त हो रही है इसलिए आदेश जारी किए अगर कोई पंचांग की पालना नही करता है तो कार्यवाही होगी। इस दौरान सीबीएसई ने कोई परीक्षा निर्धरित की हुई है, स्कूल केवल परीक्षार्थी बच्चों को बुला सकता है।