नींद का ज्यादा आना भी दर्शन गरानी कर्म का उदय है : आचार्य प्रमुख सागर”

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गुवाहाटी : आचार्य श्री प्रमुख सागर महाराज द्वारा आज आठों कर्मों में से ज्ञानवर्णी कर्म का विवेचन हुआ। तत्पक्षात दर्शनवसर्णीय कर्म का उपदेश दिया और कहा कि दर्शनवर्णी कर्म हमे दो प्रकार से बड़ा बनाता है पहला आंखों से ठीक नहीं देख पा रहे हैं उसे चक्षु दर्शन कहते हैं और आंखों को छोड़कर शरीर के जितने अंग उपांगे अचक्षु दर्शन हैं। नींद का ज्यादा आना भी दर्शनगरानी कर्म का उदय है और कहा कि नींद में भी ऐसे ऐसे कार्य कर जाते हैं जो कल्पना के परे होते हैं। जैसे नींद में उठकर लोगों का सामान चुराना, चोरी करना या किसी का मरण भी करके आ जाना।ऐसी नींद हमारे दर्शनवर्णी कर्म के नौ भेदो में से स्त्यानगृध्दि दर्शनवर्णी कर्म का उदय होने से होता है उन्होंने कहा कि दर्शन पर आवरण है तो उसे दर्शन वर्णिकर्म का उदय मानना चाहिए जो पदार्थ को भी हम नहीं देखने देते या किसी को दर्शन करने से रोकते हैं या कोई दर्शन कर रहा है उसके सामने जाकर खड़े हो जाते हैं तो हमें दर्शनवर्णी कर्म का बंध होता है।आज की समस्या यह है कि जिनकी आंखें हैं लेकिन फिर भी वह सही देखना ही नहीं चाहता है। जिनकी आंखें नहीं है वह देख ही नहीं पाते है। आपने एक उदाहरण से समझते हुए कहा कि धृतराष्ट्र कि आंखें नहीं थी लेकिन गांधारी ने अपनी आंखों में पट्टी क्यों बांधी अगर वह पत्ती नहीं बांधती तो उसके पुत्र इतना गलत नहीं करते। दर्शन यानी चक्षु यानी आंख जब आंखों से सही-गलत देखा जा सकता है, तो सही समय मे आंखें बंद क्यों हो जाती हैं। यह उक्त बातें आज गुरुवार भगवान महावीर धर्म स्थल में विराजित आचार्य प्रमुख सागर महाराज ने एक धर्म सभा में उपस्थित श्रद्धालुओ को संबोधित करते हुए कही उन्होंने कहा कि हमें दर्शनावरूनी कर्म का अक्षय करना है तो अपनी आंखों से देव शास्त्र गुरु को देखकर उनकी प्रशंसा करनी चाहिए।मालूम हो कि आगामी 13 नवंबर को चातुर्मास स्थापना निष्ठापन संपन्न होगा। पुष्प प्रमुख वर्षा योग समिति के मुख्य संयोजक ओमप्रकाश सेठी ने बताया कि जिन्होंने चातुर्मास के मुख्य कलश की स्थापना की है उनके घरों में आचार्य श्री ससंघ के कर्मलों द्वारा उक्त स्थान पर स्थापना की जाएगी। इससे पूर्व आज प्रातःआचार्य श्री ओम प्रकाश सेठी एवं नरेंद्र कुमार गंगवाल के निवास में जाकर निरीक्षण किया। प्रचार प्रसार सह संयोजक सुनील कुमार सेठी ने बताया कि आगामी 14 नवंबर से आचार्य श्री ससंघ द्वारा चातुर्मास के मुख्य कलशो को पुण्याजक परिवारों के घरों में स्थापित किए जाएंगे।।

सुनील कुमार सेठी
प्रचार प्रसार विभाग , श्री दिगंबर जैन पंचायत, गुवाहाटी (असम)

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