इंदौर। अभय प्रशाल स्थित
होटल जेएमबी में शिक्षाविद डॉक्टर अनुपम जैन एवं समाजसेवी टी के वेद द्वारा आमंत्रित देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से जुड़े शिक्षाविदों एवं दिगंबर ने समाज के वरिष्ठ जनों ने विश्वविद्यालय के नवागत कुलगुरु राकेश सिंघई एवं
निवृत्तमान कुलगुरु डॉक्टर रेणु जैन का स्वागत किया।
इस अवसर पर विभिन्न वक्ताओं ने निवृत्तमान कुलगुरु डॉ रेणु जैन के कार्यकाल की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनके प्रयासों से देवी अहिल्या विश्व विद्यालय में भारत सरकार से जैन स्टडी सेंटर की स्थापना की स्वीकृति प्राप्त होना विश्वविद्यालय, इंदौर नगर एवं जैन समाज के लिए गौरव की बात है।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए डॉक्टर अनुपम जैन ने कहा कि इंदौर में बनने वाला जैन स्टडी सेंटर भारत का एकमात्र पहला जैन स्टडी सेंटर होगा, जिसकी स्थापना के लिए केंद्र सरकार ने 25 करोड रुपए की राशि भी स्वीकृत की है और आशा थी कि रेणुजी के कार्यकाल में ही सेंटर के लिए भवन का शिलान्यास हो जाएगा लेकिन, कुछ आवश्यक औपचारिकताएं पुरी की जाना शेष होने से विलंब हुआ है, आशा है अब नवागत कुलगुरु सिंघई जी के कार्यकाल में सेंटर संबंधी शेष औपचारिकताएं अविलंब पूर्ण होकर सेंटर की स्थापना का मार्ग प्रशस्त होगा।
निवृत्तमान कुलगुरु डॉ रेणु जैन ने अपने स्वागत के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि अपने 5 वर्षीय कार्यकाल के दौरान मुझे इंदौर में शासन, प्रशासन, विद्यार्थियों एवं जैन समाज से जो स्नेह और सहयोग प्राप्त हुआ उसकी स्मृति मुझे सदैव बनी रहेगी। आपने नवागत कुलगुरु सिंघई जी के व्यक्तित्व और कृतित्व की चर्चा करते हुए उन्हें एक योग्य और अनुभवी शिक्षाविद बताते हुए आशा व्यक्त की कि वे योग्य और यशस्वी कुलगुरु साबित होंगे और विश्व विद्यालय को ऊंचाइयों पर ले जाएंगे।
नवागत कुलगुरु राकेश सिंघईजी ने कहा कि मैं भाग्यशाली हूं कि मैं अपनी बड़ी बहन की कुर्सी पर बैठा हूं रेणु जी मेरी बहन समान है मैं विश्वविद्यालय में उनकी परंपरा को कायम रखूंगा और जैन स्टडी सेंटर के लिए भी शेष बची सभी औपचारिकताएं शीघ्र पूरा करने का प्रयास करूंगा ताकि सेंटर की स्थापना के कार्य को गति मिले। समारोह में पूर्व कुलपति डॉ धाकड़, प्रोफेसर उपाध्याय, प्रोफेसर संगीता जैन, डॉ संजीव सराफ,आदित्य कासलीवाल, सुमतप्रकाश जैन,अमित जैन, राजेश जैन दद्दू, आदि गणमान्य उपस्थित थे।
अतिथि स्वागत टी के वेद ,
डॉक्टर अनुपम जैन, अनुराग जैन, श्रीमती पुष्पा कासलीवाल, हंसमुख गांधी एवं डॉक्टर जैनेन्द्र जैन ने किया। आभार विजय बड़जात्या ने माना ।
राजेश जैन दद्दू धर्म समाज प्रचारक