-जीव रक्षा के लिए चातुर्मास किया जाता है: मुनि सुप्रभ सागर महाराज
बूंदी, 14 जुलाई। शहर के देवपुरा में स्थित बघेरवाल छात्रावास में रविवार को परम पूज्य मुनि वैराग्य सागर महाराज व मुनि सुप्रभ सागर महाराज का वर्ष 2025 का वर्षायोग का मंगल कलश स्थापना समारोह हुआ। इस अवसर पर आर्यिका सत्यमति माताजी व हेमश्री माताजी भी उपस्थित रही। उपस्थित भक्तों ने ढोल नगाड़ों के साथ दोनों मुनिराजों को देवपुरा में स्थित संतशाला से जुलूस के रूप में बघेरवाल छात्रावास पहुंचे जहां पर ध्वजारोहण का कार्यक्रम हुआ। ध्वजारोहण कर्ता महेन्द्र कुमार, सीमा व मनीष हरसौरा थे। उसके पश्चात मंगलाचरण वीर शासन महिला मंडल की महिलाओं ने किया। चित्र अनावरण महेन्द्र, सीमा हरसौरा, महावीर धनोप्या, प्रदीप हरसौरा ने किया। दीप प्रज्वलन विनोद कुमार रिषभ कुमार ने किया।
इस अवसर पर मुनि वैराग्य सागर महाराज ने कहा कि चातुर्मास में मुनिराज अपने आत्म कल्याण के लिए साधना करते हैं। यदि कोई श्रावक श्रद्धाभाव का पात्र लेकर मुनिराज के पास आएंगे तो मुनिराज धर्मरूपी ज्ञान देकर पात्र को भर देते हैं।
इससे पूर्व मुनि सुप्रभ सागर महाराज ने चातुर्मास के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि चातुर्मास में साधु अपनी उत्तम चर्या के साथ साथ जीव जंतुओं की रक्षा के लिए चातुर्मास करते हैं। उन्होंने चातुर्मास पर होने वाले कार्यक्रमों की रूप रेखा बताई और युवाओं को धर्म से जोड़ने का प्रयास किया जाएगा। धर्मसभा को आर्यिका सत्यमति माताजी ने भी चातुर्मास के महत्व पर प्रकाश डाला।
चातुर्मास में प्रथम शांति सिंधु प्रभावना कलश लेने का सौभाग्य विनोद कुमार, अभिषेक कुमार खटौड़ अलोद वाले, दूसरा मूलनायक संभवनाथ कलश संभवनाथ प्राइवेट लिमिटेड वाणी, तीसरा सुमति सागर कलश नेमीचंद जंबूकुमार जैन गोठड़ा वाले, चतुर्थ आचार्य वर्द्धमान सागर कलश धर्मचंद प्रेमचंद सुरेश कुमार कोटिया, पंचम आचार्य विद्यासागर अमृत कलश जीतमल, धनराज कमल कुमार जैन, षष्टम मुनि वैराग्य कलश धर्मचंद प्रेमचंद सुरेश कुमार, सप्तम मुनि सुप्रभ सागर कलश लेने का सौभाग्य चिंतामणि विपुल कुमार खंडवा वालों को प्राप्त हुआ।
इस अवसर पर वैराग्य सागर महाराज का पाद प्रक्षालन विनोद कुमार रिषभ कुमार एवं शास्त्र भेंट कैलाशचंद कोटिया अलोद वाले ने किया। मुनि सुप्रभ सागर महाराज के पाद प्रक्षालन सीमा रेखा मंजु कोटिया एवं शास्त्र भेंट प्रकाश कुमार कांकरा तलाई सिंगोली वालों ने किया। आर्यिका सत्यमति माताजी व हेमश्री माताजी को शास्त्र दान पदम कुमार व अनिता सेठिया ने किया।
इस अवसर पर आचार्य शांति सागर सहित उनकी परम्परा के सभी आचार्यों की, आचार्य विद्यासागर महाराज की, मुनि वैराग्य सागर महाराज व सुप्रभ सागर महाराज का अघ्र्य चढ़ाकर पूजन किया गया। संगीतकार आयुष जैन ने अपनी मधुर भजनों से आए हुए सभी युवाओं, महिलाओं भक्तजनों को भक्ति करने के लिए प्रेरित किया। ध्वजारोहण की समस्त क्रियाएं ब्र. मनीष भैया ने कराई और संचालन मनीष शास्त्री, देवेन्द्र कुमार जैन ने किया। इस अवसर पर भारतवर्ष के राजस्थान सहित मध्यप्रदेश, उत्तर भारत के कई श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
रविन्द्र काला
जैन गजट संवाददाता, बून्दी
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