भिंड नगर मैं विराजमान जिन मंदिर जीर्णोद्वारक संत, प्रशांत मूर्ति श्रमण मुनि श्री 108 विनय सागर जी गुरुदेव का आज कीर्तिस्तंभ मंदिर में सुबह 7 बजे केशलोचन कार्यक्रम आयोजित हुआ जिसमे छुलक श्री विदये सागर जी महाराज एवं श्रावक श्राविकाएं सैकड़ो की संख्या में कीर्तिस्तंभ पहुंचकर धर्म लाभ लिया केशलोचन क्रिया साल में एक या दो बार किया जाता है जैन मुनि शरीर का आकर्षण समाप्त करने के लिए केशलोचन करते हैं यह एक तप है जिसे जैन धर्म में सहेज भाव से स्वीकार किया जाता हैं जैन साधु और साध्वी दीक्षा लेने के बाद साल में एक या दो बार खुद के शरीर के बालो को उखड़ते है केशलोचन से पहले साधु राख से शरीर को रगड़ते है फिर गुच्छों में शरीर के बालो का लोचन करते हैं
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