नई दिल्लीः श्री तरुणसागरम अतिशय तीर्थ क्षेत्र मुरादनगर में आचार्य श्री प्रसन्न सागरजी महाराज के सान्निध्य में सौ दिन में तैयार भव्य श्री दिगंबर जैन गुफा वाले मंदिर का उदघाटन 27 नवंबर को उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया इस अवसर पर उन्होने कहा कि भारत की परंपरा संतों, ऋषियों -मुनियों व महापुरुषों के त्याग-बलिदान की महागाथा है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में पीएम ने भव्य ध्वजारोहण कर पूरी दुनिया को भारत के सनातन वैभव का अनुभव कराया।
उन्होने भगवान पार्श्वनाथ व संत तरुण सागर जी महाराज का स्मरण किया। इस मौके पर उन्होंने मेरी बिटिया व अंतर्मना दिव्य मंगल पाठ पुस्तक का विमोचन भी किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी का सौभाग्य है कि अयोध्या में प्रथम जैन तीर्थकर भगवान ऋषभ देव सहित पांच तीर्थंकरों का अवतरण हुआ। काशी में चार तीर्थंकरों व श्रावस्ती में भगवान संभव नाथ जी का जन्म हुआ, मैं पिछले दिनों ही वहां श्रद्धा अर्पित करने गया था। भगवान महावीर का महापरिनिर्वाण कुशीनगर के पावागढ़ में हुआ था। इसलिए फाजिलनगर का नाम परिवर्तन कर पावानगरी के रूप में करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। जैन तीर्थकरों ने समाज को नई दिशा और विश्व मानवता को करुणा, मैत्री, अहिंसा व ‘जियो और जीने दो’ की प्रेरणा दी। मुझे आज यहां आकर गौरव की अनुभूति हो रही है। मैं आचार्य श्री प्रसन्न सागरजी की त्याग-तपस्या के प्रति नत-मस्तक हूं। यहां विराजमान सभी संतों को नमन करता हूं। पीएम मोदीजी ने विश्व णमोकार महामंत्र दिवस पर वन -वर्ल्ड -वन चेन कार्यक्रम में नौ संकल्प का संदेश दिया था। इस मौके पर आचार्यश्री प्रसन्न सागर जी महाराज ने कहा कि योगी जी के नेतृत्व में प्रदेश का सर्वांगीण विकास हो रहा है, जब-जब अयोध्या का नाम आएगा तब-तब योगी जी का नाम याद किया जाएगा। हमारी संस्कृति जीवंत है। अब चौरासी मथुरा का विकास भी इंतजार कर रहा है।
उपाध्याय पीयूष सागर जी ने कहा कि हमारे 24 तीर्थंकर क्षत्रिय थे, महावीर के गणधर इंद्रभूति गौतम ब्राह्मण थे। योगी जी अजय थे, बचपन में इनका नाम अजय था, ये आगे भी अजय रहेंगें। इनके नेतृत्व में प्रदेश नई ऊंचाईंया छू रहा है। मुनि श्री डा. सहजसागरजी ने कहा कि योगी ही महायोगी बनता है। धर्म में राजनीति नही बल्कि राजनीति में धर्म होना चाहिए। इस मौके पर पूरे संघ के अलावा प्रदेश सरकार के मंत्री सुनील शर्मा, नरेंद्र कश्यप, सांसद अतुल गर्ग, विधायक नंदकिशोर गुर्जर, अजित पाल, पूर्व सांसद रमेश चंद तोमर, तरुण सागरम् तीर्थ के अध्यक्ष सुनील जैन आदि मौजूद रहे। सभी ने योगी जी का पगडी, प्रशस्ति पत्र, माला, साहित्य भेंटकर भावभीना स्वागत किया। आचार्य श्री ने योगी जी को कंमंडल भेंट किया तो योगी जी प्रसन्न हो गए। आचार्य श्री ने बताया कि यहां विशाल गौशाला, गुरुकुल, और आयुर्वेदिक स्कूल का निर्माण किया जाएगा। प्रशस्ति पत्र का वाचन डा. नलिन के शास्त्री ने किया।
अफसोसः मैं टीवी पर यह कार्यक्रम लाइव देख रहा था, अफसोस के साथ कहना पड रहा है कि जब आरंभ में योगी जी लिखा हुआ महामंत्र णमोकार पढ रहे थे तो वे उसका उच्चारण ठीक प्रकार से नही कर पा रहे थे। इसमें उन्हे सुधार करना चाहिए।
प्रस चंद्र जैन एडवोकेट, नवभारत टाइम्स नई दिल्ली
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