यमुनानगर, 5 जनवरी (डा. आर. के. जैन):
मोटापा हृदय रोगों, मधुमेह और अन्य प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं के लिए प्रमुख जोखिम कारकों में से एक है। स्वास्थ्य समस्याओं से बचने के लिए अतिरिक्त वजन बढऩे से रोकना महत्वपूर्ण है। इसी विषय में जानकारी देते हुये कार्डियोलॉजिस्ट डा. प्राशुका जैन ने बताया कि मोटापा आधुनिक दुनिया के लिये एक चिंता का विषय बना हुआ है। जैसा कि आज की दुनिया में जहां अधिकांश लोगों की जीवनशैली गतिहीन है, 9-5 तक डेस्क जॉब करने वाले लोगों को मोटापे का खतरा अधिक होता है। यह आकलन करने के लिए कि हमारा वजन अधिक है या मोटापे से ग्रस्त हैं, हमें अपना बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) जानना चाहिए। इसकी गणना किलोग्राम में वजन को एम2 में ऊंचाई से विभाजित करके की जाती है। डब्लू. एच. ओ. ने कुछ कट ऑफ दिए हैं, जिसके अनुसार यदि बी. एम. आई. 25 से अधिक है, तो व्यक्ति अधिक वजन की श्रेणी में आता है। यदि यह 29.9 है तो आप मोटे हैं। मुख्य रूप से आहार और शारीरिक गतिविधि से अतिरिक्त वजन बढऩे से रोका जा सकता है। उन्होंने बताया कि रुक-रुक कर उपवास करना भी वजन पर नियंत्रण रखने का एक तरीका है, साथ ही जिन लोगों को लंबे समय तक बैठे रहना पड़ता है, उन्हें सलाह दी जाती है कि वे हर 30 मिनट में उठें और 30 सेकंड टहलें और फिर काम शुरू करें। बदले में विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के जोखिम को कम करना। मोटापा कोई स्थायी समस्या नहीं है, इसे रोका भी जा सकता है और इससे छुटकारा भी पाया जा सकता है।
फोटो नं. 1 एच.
जानकारी देती डा. प्राशुका जैन……………….(डा. आर. के. जैन)
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