राजस्थान की राजधानी गुलाबी नगरी जयपुर की पावन धरा पर 10 दिवसीय जैन रामायण कथा के आठवें रोज कथाकार मुनि जयकीर्ति महाराज से विभिन्न संस्थाओं के पदाधिकारीयों ने लिया मंगलमय आशीर्वाद
मनुष्य को नश्वरता के लिए जीवन व्यर्थ नहीं करना चाहिए श्रद्धा और विश्वास के साथ की गई भक्ति से प्रत्येक कार्य का फल मीठा होता है
मुनि जयकीर्ति महाराज
फागी संवाददाता
जयपुर – 24 मई
गुलाबी नगरी जयपुर की पावन धरा पर पहली बार दुर्गापुरा के श्री दिगम्बर जैन मंदिर चन्द्र प्रभजी में राजस्थान जैन युवा महासभा, जैन कनेक्ट, दुर्गापुरा जैन मंदिर ट्रस्ट एवं महिला मंडल दुर्गापुरा के संयुक्त तत्वावधान में चल रही
दस दिवसीय जैन रामायण कथा के आठवें दिन रविवार को मुनि जयकीर्ति महाराज ने
अपने मंगलमय उद्बोधन में श्रृद्धालुओं को संबोधित करते हुए बताया कि मनुष्य को नश्वरता के लिए अपना जीवन व्यर्थ नहीं गवांना चाहिए, श्रद्धा और विश्वास के साथ की गई भक्ति से प्रत्येक कार्य का फल मीठा होता है मनुष्य को अपने जीवन में हमेशा सकारात्मक सोच के साथ कार्य करना चाहिए उन्होंने कथा के दौरान राम, सीता, लक्ष्मण का अयोध्या में प्रवेश, मथुरा में महामारी, सीता का वनवास आदि प्रसंगो का चिर परिचित शैली में चित्रण किया,कार्यक्रम में जैन गजट के राजाबाबू गोधा शिरकत करते हुए बताया कि राजस्थान जैन युवा महासभा जयपुर के जिला अध्यक्ष संजय पाण्डया एवं जिला महामंत्री सुभाष बज ने जानकारी देते हुए बताया कि प्राचीन जैन ग्रन्थ ‘पद्मपुराण’ पर आधारित जैन रामायण कथा के संगीतमय आयोजन भगवान चन्द्र प्रभू के चित्र का अनावरण एवं दीप प्रज्जवलन राजस्थान जैन सभा की कार्यकारिणी सदस्या राखी जैन, ऋषि जैन पलक जैन एवं विनोद जैन कोटखावदा,जय कुमार जैन, राजाबाबू गोधा, जिनेन्द्र जैन जीतू, डॉ मोहन लाल मणि, प्रकाश चांदवाड, राजेन्द्र काला, अनुज जैन, अतीव जैन आदि ने किया,ब्रह्मचारिणी पल्लवी दीदी एवं मुनि भक्त जिनेन्द्र जैन जीतू द्वारा मंगलाचरण प्रस्तुत किया गया मुनि जयकीर्ति महाराज के पाद प्रक्षालन नेमीचन्द – मंजू, अंकुर – निधि लुहाड़िया परिवार
राजा श्रेणिक परिवार तथा राजस्थान सरकार के वरिष्ठ आई. ए. एस अधिकारी कुलदीप राकां, अतिरिक्त आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं ड्रग नियंत्रण आर. ए. एस अधिकारी पंकज ओझा, बार एसोसिएशन के अध्यक्ष संदीप लुहाड़िया एवं मुनि भक्त भाग चन्द कोठ्यारी ने किया।कार्यक्रम में राजा श्रेणिक ज्ञानचन्द – स्नेह लता दाखियां परिवार द्वारा किये गये प्रश्न का मुनि श्री द्वारा समाधान के रुप में रविषेणाचार्य द्वारा रचित प्राचीन जैन ग्रन्थ ‘पद्मपुराण’ में उल्लेखानुसार जैन रामायण कथा का वाचन प्रारम्भ किया। गुरुदेव के मुखारविंद से चल रही भव्य राम कथा में आठवे दिन में बहुत सुंदर प्रसंग आते हैं राम, लक्ष्मण, सीता का लंका में 6 वर्ष निकलते हैं,विभीषण राम को लंका का राजा बनाना चाहते हैं लेकिन राम मना कर देते हैं फिर राम लक्ष्मण और सीता का अयोध्या में प्रवेश होता है माता और भाई से आत्मीय मिलन होता है बहुत ही सुखद क्षण आते हैं प्रजाजन और सभी मिलकर के बहुत स्वागत करते हैं और फिर भरत को वैराग्य हो जाता है कहते है ” संसार में कोई भी परिजन शरण नहीं है धर्म ही शरण है सिद्धात्म ही परम शरण है”उसी समय भरत को देखकर के त्रिलोकमंडल हाथी का क्रोध शांत हो जाता है और उस हाथी को जाती स्मरण हो जाता है कहां हम दोनों दोस्त थे और वह राजा और मैं हाथी बना और हाथी भी अणुव्रत को ग्रहण करता है….. भरत 1000 राजाओं और 300 स्त्रियोंके सात केकेई भी दीक्षा ले लेती है और भरत को मोक्ष हो जाता है और राम का राज्याभिषेक होता है….मथुरा में चमरेंद्र के द्वारा महामारी होती है…. सप्त ऋषि के द्वारा महामारी का नाश होता है सप्त ऋषियों का महिमा मंडन होता है…. सीता के द्वारा “किमिंचिक दान दिया जाता है फिर प्रजा के द्वारा सीता का “अवर्णवाद “होता है राम के लिए पुनः असहनीयक्षण आते हैं और पुनः सीता का वनवास हो जाता है…।.. संसार की कैसी विचित्रता है पूर्व उपार्जित कर्मों को भोगना ही पड़ता है इसीलिए संसार की नश्वरता के लिए यह जिन धर्म को कभी भी नहीं छोड़ना चाहिए. “जिनधर्म” ही मुक्ति का मार्ग है…..।
कार्यक्रम में मंच संचालन राजस्थान जैन युवा महासभा के प्रदेश महामंत्री विनोद जैन कोटखावदा ने किया। कार्यक्रम में मुख्य संयोजक अनुज जैन, जैन कनेक्ट के अध्यक्ष एडवोकेट अंकुर जैन पाटनी,एवं जैन कनेक्ट के अतीव जैन ने सभी आगंतुकों का आभार व्यक्त किया। इस मौके पर आई. ए .एस कुलदीप राकां, आर .ए .एस पंकज ओझा, संदीप लुहाड़िया, जय कुमार जैन कोटा वाले राखी जैन, सुरेश कासलीवाल,कमल वैद अतुल बिलाला, जिनेन्द्र जैन जीतू, अनिल पाटनी, सर्वेश जैन रुपाहेडी कला, राजाबाबू गोधा सहित सभी अतिथियों ने श्रीफल भेट कर मुनि श्री से मंगलमय आशीर्वाद प्राप्त किया।कार्यक्रम में आयोजन समिति के चेतन जैन निमोडिया, नरेश बाकलीवाल,सुनील संघी, भारतभूषण जैन, मनीष सोगानी,राज कुमार सेठी, कमलेश जैन, राहुल गोधा, संदीप जैन, नेमी निगोतिया दीपिका गोधा, दीपिका जैन आदि ने अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम में दुर्गापुरा जैन समाज की ओर से अध्यक्ष प्रकाश चांदवाड एवं महामंत्री राजेंद्र कुमार काला की अगुवाई में मुनि जयकीर्ति महाराज को दुर्गापुरा जैन मंदिर में वर्ष 2025 के चातुर्मास के लिए श्रीफल भेट किया।इसी कड़ी में जैन समाज की 130 वर्ष सबसे पुरानी पत्रिका जैन गजट का मुनि श्री ने विमोचन करके अवलोकन किया, और इसकी भूरी भूरी प्रशंसा करते हुए कहा कि उक्त पेपर जैन समाज को हर घर में मांगना चाहिए ताकि समाज की साधु संतों की गतिविधियों की जानकारी प्राप्त हो सके।
राजाबाबू गोधा जैन गजट संवाददाता राजस्थान