मानव शरीर नाम कर्म के उद्देश्य से प्राप्त होता है: आचार्य प्रमुख सागर महाराज

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गुवाहाटी : मनुष्य पर्याय बहुत दुर्बलता से प्राप्त होता है आचार्य भगवंत उमा स्वामी जी तत्र्वाथ सूत्र ग्रहंथ में कहते हैं, यह मानव शरीर नाम कर्म के उदय से प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि जीवन को अच्छा बनाना है तो अच्छा कार्य करो, अच्छे लोगों के साथ रहो, अच्छे विचार रखो। मनुष्य पर्याय हमें कर्म काटने को प्राप्त हुआ है। इसका सदुपयोग करना चाहिए। हम लोगों ने कई जन्मों के पुण्य-भाव से यह कर्म प्रर्याय जीवन को पाया है। यह उक्त बातें आचार्य श्री प्रमुख सागर महाराज ने सोमवार को भगवान महावीर धर्म स्थल में एक धर्म सभा में श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि अब हमें देव प्रर्याय जीवन को पाकर अच्छे कार्य करके अपने जीवन को धन्य बनाना है तभी हमारा कल्याण होगा। प्रचार प्रसार के मुख्य संयोजक ओम प्रकाश सेठी ने बताया कि आचार्य श्री प्रमुख सागर महाराज ससंघ के मंगल सानिध्य में एवं धरियावद के प्रतिष्ठित प्रतिष्ठाचार्य श्री हंसमुख शास्त्री के मार्गदर्शन में पूर्वोत्तर की सकल दिगम्बर जैन समाज की ओर से अधिकृत श्री दिगम्बर जैन पंचायत, गुवाहाटी के तत्वावधान में भव्य पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महामहोत्सव का आयोजन 26 से 31 जनवरी तक गुवाहाटी के फैंन्सी बजार स्थित जेल परिसर, में निर्माणाधीन आदिनाथ नगर में किया जाएगा। श्री दिगंबर जैन पंचायत गुवाहाटी के अध्यक्ष महावीर जैन (गंगवाल) ने समाज के सभी धर्मानुरागीयों को इस पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव मे सहभागी बनकर अपने जीवन का कल्याण सुनिश्चित करने तथा जिनशासन की मंगल प्रभावना करते हुए पुण्य का अर्जन करने का अनुरोध किया है। यह जानकारी प्रचार-प्रसार के सह- संयोजक सुनील कुमार सेठी द्वारा एक प्रेस विज्ञप्ति में दी गई है ।

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