( सोनल जैन भिंड ) श्री 1008 महावीर कीर्तिस्तंभ दिगंबर जैन मंदिर में चल रहे 35 दिवसीय 35 गुरु परिवार के 35 मंडलीय णमोकर जिनस्तुति विधान के 32 वें दिन पूज्य गुरुदेव जिन मंदिर जीर्णोद्वारक संत प्रशांत मूर्ति श्रमण मुनि श्री 108 विनय सागर जी गुरुदेव के सानिध्य में चल रहा है जिसमे प्रतिदिन सुबह शाम सकेड़ों की संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं जिसमे प्रतिदिन प्रातः काल की बेला में श्री जी का अभिषेक, शांतिधारा नित्य पूजन किया जाता है तत्पच्यात विधान प्रारंभ होता है संगीतकार के मधुर संगीत में श्रावक श्राविकाएं भक्ति करते है विधान के अंत में मुनि श्री ने प्रवचन मैं कहा कि महिलाएं पुरुष को और पुरुष महिलाओं को आकर्षित करने के लिए कई घंटे ब्यूटी पार्लर में निकाल देते हैं। कोई चेहरे से तो कोई अ‘छे कपड़ों से दूसरों को आकर्षित करना चाहते हैं। लोग दिखावे की दुनिया में जी रहे हैं। सभी अधिक से अधिक दिखावा करके स्वयं को आकर्षित बताना चाहते हैं। कोई धन का प्रदर्शन कर लोगों को आकर्षित करना चाह रहा है तो कोई अपने घर को सुंदर बनाने के दिखावे में लगे हैं। लेकिन लोगों को यह नहीं मालूम कि इन चीजों से थोड़े समय के लिए तो लोगों को आकर्षित किया जा सकता है, अधिक समय तक नहीं। जिन लोगों के पास गुण अधिक होते हैं उन्हें लोग भूलते नहीं हैं, उनके पास बार-बार जाकर उनके गुणों को प्राप्त करना चाहते हैं। जिन लोगों के अंदर दूसरों की सेवा करने का गुण हो, सबके बारे में सोचने का गुण हो तथा जो सदैव सकारात्मक ऊर्जा से भरे हों, ऐसे लोग सभी को अपनी प्रति आकर्षित करते हैं। उनके पास लोग अधिक से अधिक समय बिताना पसंद करते हैं इसलिए अपने अंदर गुणों का विकास करें। गुण ही सबको आकर्षित करते हैं, बाहर का दिखावा नहीं।
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