लंकापति रावण स्फटिक मणि की इस चंदाप्रभु भगवान की प्रतिमा की करता था पूजा

0
81

फ़िरोज़ाबाद, उ.प्र.में स्फटिक मणि की चंदाप्रभु भगवान की अतिशयकारी प्रतिमा विराजमान है। आज भी यह प्रतिमा दिन में कई बार अपना रंग बदलती है। कहते हैं कि लंकापति रावण इसी प्रतिमा की पूजा करता था ओर वहीं से इसे श्री राम अयोध्या लेकर आए थे।

उसके बाद चंदवार के राजा इसको अपने यहां लेकर आए थे और मुगल काल में जब जैन मंदिर ओर प्रतिमाओं को खंडित किया जा रहा था तब राजा ने इस प्रतिमा को यमुना नदी में विसर्जित कर दिया था। सैकड़ों वर्षों बाद एक बुढी माँई को एक स्वप्न आया कि हम यमुना में है हमें बाहर निकालो।

बुढी माई ने बोला कि भगवान इतनी बड़ी यमुना है, भादों का महीना है यमुना में सिर्फ पानी ही पानी है हम आपको कहाँ ढूंढेंगे.! तो जबाव आया कि एक फूलों से भरी टोकरी नदी में छोड़िये और जहाँ वो टोकरी रूक जाये बस वही हम हैं, इस तरह श्रीजी की यह प्रतिमा यमुना नदी से प्रकट हुई।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here