अचानक से यह सच सामने आया है जिसमें यह तय हुआ है कि वर्तमान में क्रोध तेजी के साथ पूरे विश्व में बढ़ रहा है हर उम्र के बच्चे, युवा, वयस्क,प्रौढ़,बुजुर्ग पुरुष व महिला में क्रोध ने तेजी के साथ अपना स्थान बनाया है। छोटी-छोटी सी बातों पर क्रोध व्यक्त करना आम सी बात हो गई है। अचानक से यह क्रोध क्यों बढ़ रहा है? इसके कारणों पर व्यापक रूप से चर्चा करना तो संभव नहीं है। लेकिन एक छोटा सा और महत्वपूर्ण कारण यह है कि वर्तमान में व्यक्ति एकाकी जीवन व्यतीत करना चाहता है और उसमें मोबाइल की सहभागिता लगभग 75% है। वैसे रहन सहन,खान पान,परस्पर सम्बन्ध,आसपास का वातावरण आदि अन्य अनेक कारण होते हैं। किंतु मोबाइल का योगदान क्रोध की वृद्धि में अन्य कारणों से मजबूत दिखलाई पड़ता है।
आप इस बात का अपवाद भी प्रस्तुत कर सकते हैं कि ऐसा नहीं है। लेकिन जो ज्यादातर लोगों में आदत होती है वहीं परिणाम माना जाता है 100% तो कुछ भी सत्य नहीं होता है। लेकिन वर्तमान का सबसे बड़ा सत्य यही है कि प्रत्येक व्यक्ति में क्रोध तेजी के साथ बढ़ रहा है मोबाइल को उसका एक मुख्य कारण माना जा सकता है। वर्तमान में सभी इस मोबाइल के एडिक्टेड हो चुके हैं अर्थात यूं कहें कि उन्हें धीमा नशा मोबाइल से प्राप्त हो रहा है तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। सोचने समझने की शक्ति व भविष्य की प्लानिंग के लिए बचने वाले समय को हजम करने में अहम किरदार मोबाईल रूपी मजबूत स्तम्भ का है।
आने वाले भविष्य का सबसे बड़ा खतरा प्रत्येक व्यक्ति के हाथ और जेब में नजर आ रहा है। जितना इस मोबाइल का उपयोग है उससे कई गुना अधिक इसका दुरुपयोग किया जा रहा है किसी भी अविष्कार का यदि सही मात्रा में और सही दिशा में उपयोग किया जाए तो वह सदुपयोग होता है और यदि उसका अधिक मात्रा में और गलत दिशा में उपयोग किया जाए तो फिर वह सदुपयोग दुरुपयोग में परिवर्तित हो जाता है।
संजय जैन बड़जात्या कामां जैन गजट सवांददाता
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