जो श्रुत को श्रद्धा से सुनते हैं, वे भविष्य के भगवान है।- आचार्य विशद्ध सागर जी महाराज

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भगवान के मोक्ष के साथ पंच कल्याणक सम्पन्न
आचार्य संघ का हुआ विहार

सनावद। दो चक्री, दस कामकुमार सहित साढ़े तीन करोड़ मुनियों की निर्वाण स्थली सिद्धक्षेत्र सिद्धवरकूट में पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव 29 प्रतिमाओं को भगवान बनाने के साथ सम्पन्न हो गया। पंचकल्याणक महोत्सव में चर्याशिरोमणि, अध्यात्मयोगी, शताब्दी देशनाकार श्रमणाचार्य विशुद्ध सागर जी महाराज, उपाध्याय विशोक सागर जी महाराज, गणधर मुनि विवर्धन सागर जी महाराज, मुनिश्री पूज्य सागर जी महाराज, गणिनी आयिका विशिष्टश्री माताजी सहित 70 पिच्छीधारी संतों के सान्निध्य में सिद्धवरकूट के ज्ञात इतिहास में अनेकों वर्ष बाद पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव का आयोजन हुआ। आचार्य, उपाध्याय, गणधर, प्रवर्तक, गणिनी आर्यिका इतनी बडी संख्या में साधु बारह वर्ष बाद एकत्रित हुए।

सबके दिन एक से नहीं होते

आचार्य श्री विशुद्ध सागर महाराज ने विशाल धर्मसभा में कहा कि पैरों की गर्मी से भावो की परिणति पता चल जाती है। अरहंत भगवान के दर्शन से पाप रूपी हाथी के भी टुकडे हो जाते हैं, जिनवाणी का एक भी शब्द व्यर्थ नहीं जाता। सारे जीव हमारी जी जाति के है। प्रत्येक जीव में भगवान आत्मा देखना चाहिये। सबके दिन एक से नहीं होते। जैनत्व को समझने के लिए समता भाव हमारे अन्दर में होना चाहिये। सभी से मैत्री के परिणाम होना – चाहिये। गाय को खुश रखेंगे तो वह दूध देती है। निज आत्मा की विशुद्धि रखोगे तो भगवान आत्मा बन जाओगे। जीवन में सबके सुख-दुख की खबर रखना चाहिये। रूपये-पैसे देने वाले बहुत मिल जाएंगे, लेकिन समय देने वाले नहीं मिलते। जीवन में प्यार नहीं वात्सल्य भाव होना चाहिये। प्यार अंधा होता है, वात्सल्य भाव सम्यकदृष्टि का होता है। श्रुत श्रवण हम सबके लिए आवश्यक है, श्रुत को जो श्रद्धा से सुनते हैं, वे भविष्य के भगवान हैं।

“सिद्धवरकूट की जय हो” पर झूमे श्रद्धालु

राष्ट्रीय गायक चिन्तन बाकीवाला मुंबई अनामिका बाकलीवाल इंदौर ने रात्रि में आयोजित भजन संध्या में सुमधुर प्रस्तुति दी। श्रीमती अनामिका मनोज बाकलीवाल की आरती “बाजे छम-छम-छमाछम बाजे घुघरू पर सभी ने महाआरती की। राष्ट्रीय गायक चिन्तन बाकीवाला ने “सिद्धवरकूट की जय हो” पर एक भजन प्रस्तुत किया। जिस पर श्रद्धालु झूम उठे, भजन में सिद्धवरकूट की महिमा का वर्णिन किया गया। भजन संध्या में दीप प्रज्ज्वलन वरिष्ठ समाजसेविका पुष्पा कासलीवाल, क्षेत्र कमेटी अध्यक्ष अमित कासलीवाल, महामन्त्री विजय काला, ट्रस्टी आशीष चौधरी, सुभाष सामरिया, प्रचार संयोजक राजेन्द्र जैन महावीर, आदित्य कासलीवाल ने किया I
उपाध्याय मुनिसंघ का हुआ मिलन

प्रातः काल पधारे उपाध्याय मुनि श्री विशोक सागर जी मुनि श्री विशेष सागर जी महाराज सहित पाँच मुनिराजों का मिलन आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज के साथ हुआ। सिद्धवरकूट में उपस्थित सभी मुनिराज आर्यिका माताजी ने संघ की आगवानी की। इस अवसर पर क्षेत्र कमेटी के पदाधिकारी भी उपस्थित थे।

आचार्य संघ का विहार हुआ सुमतिधाम, इंदौर की ओर

आचार्य संघ ने सायं 4:30 बजे भीषण गर्मी में सिद्धवरकूट से सुमतिधाम इन्दौर की ओर पद
विहार कर दिया। सभी आचार्य, उपाध्याय, गणधर मुनि, आर्यिका माताजी सहित लगभग 400 से अधिक संतों के सान्निध्य में प‌ट्टाचार्य महोत्सव 27 अप्रैल से 2 मई तक आयोजित होगा। राजेन्द्र जैन महावीर ने बताया कि 30 अप्रैल को आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज को गणाचार्य श्री विराग सागर जी महाराज की घोषणा अनुरूप प‌ट्टाचार्य पद पर प्रतिष्ठित किया जाएगा। उक्त आयोजन में सम्मिलित होने देश भर के श्रद्धालु सुमतिधाम इन्दौर पहुँच रहे हैं।

राजेन्द्र जैन महावीर – 9407492577

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