जो अपने लिए पसंद करते हो.. वही अपने पड़ोसी के लिए भी पसंद करो..!

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आचार्य श्री 108 प्रसन्न सागर जी. औरंगाबाद  /हैदराबाद. पियुष कासलीवाल नरेंद्र  अजमेरा. भारत गौरव साधना महोदधि    सिंहनिष्कड़ित व्रत कर्ता अन्तर्मना आचार्य श्री 108 प्रसन्न सागर जी महाराज एवं सौम्यमूर्ति उपाध्याय 108 श्री पीयूष सागर जी महाराज ससंघ   कुलचाराम  मे विराजमान है प्रवचन मे अन्तर्मना प्रसन्न सागरजी महाराज ने कहा की
जो अपने लिए पसंद करते हो..
वही अपने पड़ोसी के लिए भी पसंद करो..!
यदि आज हम दूसरे के लिए वही चीज पसंद करना शुरू कर दें जो खुद के लिए पसंद करते हैं, तो आज ही हमारे घर, परिवार और समाज से सारे वाद विवाद समाप्त हो जाये। सभी एक दूसरे के लिए हित चिन्तक बन जाये। परन्तु आज सब कुछ उल्टा पुल्टा हो रहा है। हमने हमेशा अपने लिए और अपने बच्चों के लिए अच्छी चीज पसंद की, लेकिन अपने पड़ोसी के लिए, गलत और विपरीत चीज पसंद की।
यदि आप कहीं भोजन परोस रहे हैं, और आपके परोसने की थाली में एक गर्म फूली हुई पुड़ी है, भोजन करने वालों की लाइन में सब आपके अपने रिश्तेदार बैठे हैं, लेकिन उसी लाइन में आपका भाई भी बैठा है, आप वह गर्म पुड़ी किसकी थाली में परोसेंगे…???। नरेंद्र  अजमेरा पियुष कासलीवाल औरंगाबाद

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