झुमरीतिलैया (कोडरमा) जैन धर्म का सर्वश्रेष्ठ पर्व दसलक्षण पर्यूषण का सातवां दिन

0
16

झुमरीतिलैया (कोडरमा) जैन धर्म का सर्वश्रेष्ठ पर्व दसलक्षण पर्यूषण का सातवां दिन भक्तजनों ने “उत्तम तप धर्म” के रूप में मनाया ,कोडरमा जिले वासियों को धर्म और ज्ञान की गंगा का सोपान कराते हुए ब्रमचारिणी गुणमाला दीदी ने अपनी अमृतवाणी मे साधर्मी बंधुओं को कहा की इच्छाओं का त्याग करना ही तप धर्म है, शांति से दुख सहन करना सबसे बड़ा तप है बिना तप के कोई शुद्ध नहीं होता जीवन में उसी के सामने झुको जिसके जीवन में तप हो, जमीन के अंदर पैर के नीचे दबने वाली मिट्टी भी आग में तपने के बाद मूर्ति का आकार लेकर पूजनीय हो जाती है तप विशुद्धि के साथ और वाणी संयम के साथ किया जाता है, मोक्ष मार्ग की प्राप्ति के लिए अंतःकरण को स्वच्छ करते हुए संयम के साथ तप किया जाता है वहीं तप निर्जरा का साधन बनता है अंतरंग में शांति रूपी तप नहीं धारण करेंगे तो सभी तपस्या बेकार हो जाती है, नियम और संयम से जीवन जब श्रृंगारित हो जाता है तभी व्यक्ति तप के लिए आगे बढ़ता है, आत्मा के अंदर अनंत शक्ति भरी हुई है उसको निखारना बिना तप के संभव नहीं है ,विश्व में जैन धर्म की पहचान तप ,त्याग ,तपस्या से हैं जैन दर्शन भगवान बनने की बात करता है, भेद विज्ञान से भगवान मिलते हैं,जीवन में इसी की आवश्यकता है, मंगल ग्रह में मंगल नहीं मिलता, जीवन में मंगल खोजो जैन दर्शन यही कहता है, कर्मों के क्षय को काटकर सिद्धतव की ऊंचाई को पाना जैन दर्शन है जीवन को परख कर तराशना ही तप है,जीवन को ऐसा बनाएं कि कभी न कांटा लगे न कांटा चुभे, शरीर को भी धर्म के मार्ग पर तपाना पड़ता है तप के द्वारा ही व्यक्ति भक्त से भगवान बन सकता है , जैन धर्म वैज्ञानिक धर्म है विदेश ने पदार्थ का आविष्कार किया, भारत देश ने परमात्मा का आविष्कार किया जिस प्रकार सोना बिना तपाय चमक नहीं दे सकता उसी प्रकार शरीर को बिना तपाए मोक्ष गामी नहीं बनाया जा सकता, जीवन में सुखी रहना है तो अपनी इच्छाओं को कम करो तप में कष्ट नहीं होता सिर्फ आनंद ही आनंद होता है
प्रातः पूज्य दीदी के मुखारविंद से नया मंदिर जी में महा शांति धारा का पाठ किया गया मूल नायक 1008 महावीर भगवान का प्रथम अभिषेक व शांति धारा दसलक्षण व्रत धारी के परिवार को मिला बड़ा मंदिर में मूल नायक पारसनाथ भगवान का प्रथम अभिषेक शांति धारा का सौभाग्य अजित राजेश गंगवाल परिवार को मिला सरस्वती भवन में श्री जी का श्री विहार कर पांडुलशिला में विराजमान कर प्रथम अभिषेक व रजत धारी से शांति धारा का सौभाग्य विजय-विकाश सेठी परिवार को मिला ओर दूसरी ओर से स्वर्ण झारी से राकेश-आदित्य छाबडा के परिवार को मिला नीचे 1008 आदिनाथ भगवान की वेदी पर 1008 पारसनाथ भगवान का प्रथम आBअभिषेक ओर शांति धारा का सौभाग्य इंदु देवी राकेश-अनूप सेठी,अविश पहाड़िया,कतरासगढ़ के परिवार को मिला , पार्षद पिंकी जैन मीडिया प्रभारी राजकुमार अजमेरा नवीन जैन ने सभी 10 लक्षण व्रतधारियों के कठिन तप उपवास की अनुमोदना की दीदी ने अपने हाथों से सभी वृत्तियों को विश्व शांति धारा के लाखों मंत्रो का पूजित जल मस्तक पर लगाने के लिए दिया। साथ ही व्रतियों का निर्विघ्न उपवास के लिए आशीर्वाद दिया
संध्या में भब्य आरती दीदी द्वारा एक एक धर्म का वीवेचना के साथ भजनों का कार्यक्रम हुवा जिसमे राहुल-आरची जैन छाबडा की बेटी कियान जैन (born न अप्रैल 2022 ) 2 साल 3 माह की बच्ची जिन्होंने जैन धर्म के 24 तीर्थंकर का नाम,पूरे भारत के सभी स्टेट ओर उसकी राजधानी को बताया सभी ने इस बच्ची की तारीफ की ओर साथ ही इस बच्ची नाम indiya book of रिकॉर्ड 2024 में दर्ज हुवा यह जैन समाज की गौरव की बात है|

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here