जयपुर – जनकपुरी ज्योतिनगर जैन मंदिर में प्रवासरत गणिनी आर्यिका श्री १०५ विशुद्ध मति माताजी की युवा शिष्या बालयोगिनी आर्यिका श्री १०५ विशेष मति माताजी के सोलहवें दीक्षा दिवस के कार्यक्रम शनिवार को जैन धर्म के बीसवें तीर्थंकर श्री १००८ मुनिसुव्रत नाथ के विधान से प्रारंभ हुए कार्यक्रम में प्रबंध समिति अध्यक्ष पदम जैन बिलाला ने बताया की प्रातः भगवान मुनिसुव्रत नाथ के जलाभिषेक के बाद विश्व शांति हेतु रिद्धि मंत्रों युक्त शान्तिधारा करने का सोभाग्य सोभाग,पदम ,अशोक, कमलेश पाटनी को मिला । इसके बाद विधान मण्डल पर विधि पूर्वक मंगल कलश की स्थापना कर शुद्धि पूर्वक साज बाज के साथ नित्य पूजन की गई तथा मण्डल पर मन्त्र के साथ श्रावकों ने ठोने में स्थापना कर प्रत्येक वलय पर भक्ति पूर्वक श्रीफल के साथ अष्ट द्रव्य लेकर चढ़ाये गए । पूजन विधान आर्यिका श्री के सानिध्य में ब्र० दीदी सविता ने संपन्न करायी तथा अंत में मुनिसुव्रत नाथ के १०८ ज़ाप रमेश साख़ूनिया ने कराये तथा आरती की गई तथा शाम को भक्तामर दीप अर्चना हुई ।
राजाबाबु गोधा जैन गजट संवाददाता राजस्थान