जैनेश्वरी दीक्षा लेकर बा.ब्र. अनीता एवम ललिता बनेंगी जैन साध्वी

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20 जनवरी को बड़ागांव में होगा दीक्षा समारोह

मुरैना (मनोज जैन नायक) ज्ञानतीर्थ परिवार की बाल ब्रह्मचारिणी बहिन अनीता दीदी एवम ललिता दीदी की भव्य जैनेश्वरी आर्यिका दीक्षा अतिशय क्षेत्र बड़ागांव (बागपत) में 20 जनवरी को होने जा रही है ।
आचार्य शांतिसागर जी छाणी परम्परा के षष्टम पट्टाचार्य परम पूज्य शाकाहार प्रवर्धक, नव चेतना प्रदायक, ज्ञानतीर्थ प्रणेता सराकोद्धारक समाधिस्थ गुरूवर आचार्य रत्न श्री 108 ज्ञान सागर जी महाराज के प्रति समर्पित, उत्कृष्ट साधिका, वात्सल्य मूर्ति, बाल ब्रह्मचारिणी अनीता दीदी सागर एवं मुरैना निवासी बाल ब्रह्मचारिणी ललिता दीदी की भव्याति भव्य जैनेश्वरी आर्यिका दीक्षा निष्प्रह तपस्वी, सप्तम पट्टाचार्य, चर्या शिरोमणि आचार्यश्री 108 ज्ञेय सागर जी महाराज के कर कमलो से संपन्न होगी ।
दीक्षार्थी अनीता दीदी का जन्म 19 फरवरी 1965 को गुलाबचंद जैन के परिवार में माता श्रीमती सुशीला देवी की कोख से सागर में हुआ था । आप तीन भाई और तीन बहिनें थी । आपने लौकिक शिक्षा हाई स्कूल तक प्राप्त की है साथ ही आपने धार्मिक क्षेत्र में न्याय, व्याकरण, सिद्धांत ग्रंथों का अध्ययन किया है।
आपने 19 मई 1977 को दमोह में त्रिलोकतीर्थ प्रणेता आचार्य विद्याभूषण संमतिसागर जी महाराज से अजीवन ब्रह्मचर्य व्रत ग्रहण किया तब। लगभग 40 वर्ष से अधिक समय से आप सराकोद्धारक आचार्य श्री ज्ञानसागर जी महाराज के ससंघ सानिध्य में धर्म ध्यान करते हुए संयम की साधना कर रही थी । आपने अभी तक चार बार कैशलोच भी किए हैं ।
मुरैना में गोपीनाथ की पुलिया निवासी बाल ब्रह्मचारिणी ललिता दीदी का जन्म 15 जून 1985 को श्रावक श्रेष्ठी पुरनचंद पवन जैन (विचपुरी वाले) के परिवार में माता श्रीमती सुनीता जैन की कोख से मुरैना में हुआ था । आपने बी., कॉम तक लौकिक शिक्षा प्राप्त की है । आप एक भाई और तीन बहिनें हैं । आपने अभी तक तीनवार कैशलौच भी किए हैं । आपने बमोरी पंचकल्याणक के अवसर पर सराकोद्धारक आचार्य श्री ज्ञानसागर जी महाराज से अजीवन ब्रह्मचर्य व्रत ग्रहण किया था । जबलपुर चातुर्मास से आप आचार्य ज्ञानसागर के ससंघ सान्निध्य में रहकर संयम की साधना कर रही हैं ।
मुरैना में जन्में सरकोद्धारक आचार्य ज्ञानसागर जी महाराज की शिष्या अनीता एवम ललिता दीदी काफी समय से पुज्यश्री के ससंंघ सान्निध्य में साधनारत रहीं । आचार्य ज्ञानसागर के समाधिस्थ होने के पश्चात उनके उत्तराधिकारी आचार्य श्री ज्ञेयसागर जी महाराज के सान्निध्य में साधनारत हैं । वर्तमान में दोनों दीदियां मुरैना ज्ञानतीर्थ जैन मंदिर में ज्ञान ध्यान तप एवम स्वाध्याय आदि में लीन रहती हैं ।
श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र बड़ागांव में सोमवार 20 जनवरी को होने जा रहे दीक्षा समारोह में मुरैना से सैकड़ों की संख्या में जैन धर्मावलंबी सम्मिलित होगें ।

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