हृदयेश्वर रस— हृदय रोग की अद्वितीय औषधि — विद्यावाचस्पति डॉक्टर अरविन्द प्रेमचंद जैन भोपाल

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हृदयेश्वर रस)-क्या आपको ह्रदय रोग है ? आपको नाम से ही लग रहा है । यह हृदय से जुड़ी आयुर्वेदिक रस औषधि है । खास बात इसमें यह है की मोती युक्त होती है । ह्रदय रोग के साथ कई और फायदे भी करता है ।
हृदयेश्वर रस के घटक द्रव्य (र .यो .सा .के अनुसार )
शुद्ध पारद,शुद्ध गंधक,लौह भस्म,अभ्रक भस्म,प्रवाल भस्म,मुक्ता पिष्टी
भावना-घृतकुमारी स्वरस
सेवन मात्रा
125 मिलीग्राम से 250 मिलीग्राम सुबह शाम चिकित्सक के निर्देशानुसार सेवन करें चासनी ,मलाई के साथ ले सकते हैं
हृदयेश्वर रस का उपयोग
ह्रदय रोगों के लिए फायदेमंद ।
ह्रदय की दुर्बलता दूर करता है ।
रात को नींद ना आने की समस्या को दूर करता है ।
शरीर की गर्मी एवं उष्णता को कम करता है ।
ह्रदय को पुष्ट करता है ।
रक्त कणों की वृद्धि करता है ।
शरीर में संक्रमण को दूर करता है ।
क्या नहीं खाए ?
अधिक फेट वाली खाद्य सामग्री
फ़ास्ट फ़ूड जंक फ़ूड का सेवन न करे ।
धूम्रपान मद्यपान न करे ।
डेयरी प्रोडक्ट का उपयोग ना करे ।
क्या नहीं करे ?
हठ योग ना करे ।
ज्यादा देर तक विश्राम ना करे ?
ज्यादा व्यायाम न करे ।
नमक का प्रयोग न के बराबर करे ।
सावधानी-
निर्देशित मात्रा से अधिक मात्रा में सेवन ना करें । क्योंकि खनिज औषधि द्रव्य की अधिक मात्रा का सेवन हानिकारक हो सकता है ।
सामान्य तापमान पर स्टोर करें ।
बच्चों की पहुंच से दूर रखें ।
यह औषधि बहुत लाभदायक होती हैं .
विद्यावाचस्पति डॉक्टर अरविन्द प्रेमचंद जैन संरक्षक शाकाहार परिषद् A2 /104 पेसिफिक ब्लू ,नियर डी मार्ट, होशंगाबाद रोड, भोपाल 462026 मोबाइल ०९४२५००६७५३

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