औरंगाबाद | आचार्य गुणभद्र महाराज ने कहा कि जन्म से कोई भी परमेश्वर नहीं बनता, बल्कि जन्म के बाद कठिन तपस्या कर ईश्वर बनने की शक्ति प्राप्त होती है। तीर्थकरों में चमत्कारिक नहीं, बल्कि अलौकिक शक्ति होती है और वे दुनिया को रोशनी देने के लिए जन्म लेते हैं। वह भगवान पार्श्वनाथ के मोक्ष कल्याणक में बोल रहे थे। इस दौरान कृत्रिम रचना कर सम्मेद शिखरजी उत्साहपूर्ण माहौल में मनाया गया। सम्मेद शिखरजी विधान कर पार्श्वनाथ भगवान का 23 किलो का लड्डू चढ़ाया गया। 1008 मुनि सुब्रतनाथ भगवान अतिशय क्षेत्र, पैठण में चातुर्मास के लिए विराजित पपू आचार्य श्री 108 गणाधीपति गंधराचार्य कुंथूसागर गुरुदेव के परम शिष्य आचार्य 108 गुणनंदी गुरुदेव के शिष्य प्रशांत मूर्ति, आचार्य 108 गुणभद्र नंदी गुरुदेव, गणिनी आर्यिका 105 आदित्य श्री माता, आर्यिका 105 दिशा श्री माता, आर्यिका 105 दीप्ति माता, आर्यिका 105 नित्य माता, आर्यिका 105 मैत्री माता की उपस्थिति में सुंदर रचना का उद्घाटन धर्म प्रेमी शोभादेवी चांदीवाल, पवन नीलम चांदीवाल परिवार ने किया।सूञसचलन विलास पहाडे ने कीयाॅ
पीयूष कासलीवाल नरेंद्र अजमेरा












