भव्या फाउंडेशन जयपुर द्वारा भोपाल के वरिष्ठ चिकित्सक, साहित्यकार, उपन्यासकार को उनकी सेवाओं उल्लेखनीय एवं अद्वितीय हैं आपके प्रेरक और रचनात्मक कार्यों से समाज को नई दिशा मिली हैं. आपकी लगन व निष्ठां के साथ सामाजिक कार्यों में अग्रिम सहभागिता एवं दक्षता सराहनीय हैं. भव्या फाउंडेशन द्वारा आपको यह अलंकरण समर्पित करते हुए गौरवान्वित हैं. फाउंडेशन आपके उज्जवल भविष्य की कामना करती हैं.
ज्ञातव्य हो डॉक्टर अरविन्द जैन ने सेवा निवृत्ति के बाद निम्म उपन्यास /पुस्तकें लिखी –
आनंद कही अनकही ,चार इमली, चौपाल, चतुर्भुज, चेतना का चातक, सुहाना सफर एवं अन्य ५० कहानियां, परिषह जयी, स्वस्थ्य एवं सुखी जीवन के अनमोल सूत्र के अलावा हज़ारों की संख्या में लेख अनेक समाचार पत्र– पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके विगत ३२ वर्ष से निःशुल्क चिकित्सा परामर्श किया जा रहा हैं.