धर्म परायण नगरी डिग्गी ग्राम में विराजमान आचार्य 108 इन्द्र नंदी महाराज से शिक्षित एवं आचार्य श्रुत नंदी जी महाराज से दीक्षित मुनि क्षमा नंदी जी महाराज का हुआ समाधि मरण

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मनुष्य इस संसार में जन्म लेता है और मृत्यु को प्राप्त करता है लेकिन समाधि मरण की प्राप्ति सर्वश्रेष्ठ है समाधि मरण की प्राप्ति से ही मोक्ष की प्राप्ति संभव है

आचार्य 108 श्री इन्द्र नंदी जी महाराज

फागी संवाददाता

धर्म परायण नगरी डिग्गी में विराजित आचार्य 108 श्री इन्द्र नंदी जी महाराज से शिक्षित एवं आचार्य श्रुत नंदी जी महाराज से दीक्षित मुनि क्षमा नंदी जी महाराज का कल देर रात समतापूर्वक समाधि मरण हो जाने से सारे जैन समाज में शोक की लहर दौड़ गई, कार्यक्रम फागी पंचायत समिति के पूर्व प्रधान सुकुमार झंडा व जैन महासभा के प्रतिनिधि राजाबाबू गोधा ने संयुक्त रूप से अवगत कराया कि मुनि श्री क्षमा नंदी जी महाराज ने 45 दिवस से सल्लेखना धारण कर रखी थी ओर मुनि श्री कल देर रात समतापूर्वक शान्त परिणामों से निर्विकल्प पूर्वक आत्मा का ध्यान करते हुए ,यम सल्लेखना व सम्यक समाधि पूर्वक अपनी नश्वर देह का त्याग कर उतम मोक्ष गति को प्राप्त कर लिया, डिग्गी मंदिर समिति के गोविंद जैन ने गोधा को अवगत कराया कि मुनि श्री की ऐतिहासिक चकढोल शोभा यात्रा निकाली गई और विभिन्न धार्मिक संस्कारों द्वारा मुनि श्री पंचतत्व विलिन हुए,कार्यक्रम में मुनि श्री के गृहस्थ जीवन के कमल कुमार, संजय कुमार, दीपक कुमार, आदित्य जैन मालपुरा निवासी परिवार जनों ने पंडित मनोज शास्त्री बागरोही मध्य प्रदेश के दिशा निर्देश में विभिन्न मंत्रोच्चारणों के द्वारा दाह संस्कार की क्रियाएं पूर्ण करते हुए भावांजलि देते हुए नम आंखों से विदाई दी।कार्यक्रम में अग्रवाल समाज चौरासी के संरक्षक हुक्म चंद जैन, अध्यक्ष अनिल सूराशाही, उपाध्यक्ष पवन जैन, मंत्री विनोद जैन, कोषाध्यक्ष महेंद्र जैन, संरक्षक पूर्व प्रधान सुकुमार झंडा, विमल जैन, चातुर्मास समिति के अध्यक्ष महावीर सूराशाही, त्रिलोक जैन, गोविंद जैन, प्रकाश जैन, महावीर गोयल,पदम कंसल, सांखला अतिशय क्षेत्र के अध्यक्ष प्रकाश सोनी, शांति लाल जैन लावा, महेंद्र जैन लावा, सहित विभिन्न क्षेत्रों से आए हजारों श्रावकों ने मुनि श्री को नम आंखों से विदाई देते हुए मुनि श्री की नश्वर देह पर श्रीफल भेंटकर मोक्ष की कामना की। कार्यक्रम में आचार्य इन्द्र नंदी जी महाराज ने भरी धर्म सभा में श्रृद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि मनुष्य इस संसार में जन्म लेता है और मृत्यु को प्राप्त करता है लेकिन समाधि मरण की प्राप्ति सर्व श्रेष्ठ है, उन्होंने कहा कि समाधि मरण की प्राप्ति से ही मोक्ष की प्राप्ति संभव है।फागी परिक्षेत्र सहित सारा जैन समाज वीर प्रभु से कामना करता है कि भगवान उनको श्री चरणों में स्थान देकर मोक्ष प्रदान करें।

राजाबाबू गोधा जैन महासभा मीडिया प्रवक्ता राजस्थान

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