देश एक कानून अनेक, निजी स्कूलों का राष्ट्रीयकरण कर अभिभावकों को ठोकरें खाने और लूटने से बचाएं सरकार – अभिषेक जैन बिट्टू

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जयपुर। भारत संस्कारों का पालन करने वाला और संविधान व कानून में विश्वास करने वाला देश है, देश का प्रत्येक नागरिक अपने बच्चों को जिम्मेदार, संस्कारित और व्यवहारिक बनाने को लेकर शिक्षा का सहारा लेता है, बच्चों को लेकर इसलिए शिक्षा नही दिलवाई जाती है की वह अपनी पढ़ाई पूरी कर नौकरी या व्यवसाय करें और परिवारों का पालन पोषण करें बल्कि शिक्षा इसलिए दिलवाई जाती है की उनका बच्चा इन्ही शिक्षा मंदिरों से शिक्षा ग्रहण कर जिम्मेदार और संस्कार बने और रिश्तों को निभाने के लिए व्यवहारिकता सीखे क्योंकि इनके बिना कोई कितनी ही पढ़ाई कर लेवें किंतु वह ना नौकरी में सफल हो सकता है और ना ही व्यवसाय में सफल हो सकता है। किंतु आजकल देशभर में शिक्षा को केवल व्यवसाय का केंद्र बनाकर छोड़ दिया गया है, जिसका असर ना केवल बच्चों की पढ़ाई में देखने को मिलता है बल्कि अभिभावकों पर भी बहुत बुरा असर पड़ रहा है। देश की सरकार ने प्रत्येक बच्चे को शिक्षा का अधिकार तो दे रखे है किंतु उन अधिकारों की सुरक्षा और संरक्षण को लेकर कोई व्यवस्था बिल्कुल भी नही की है। देशभर में चल रही शिक्षा व्यवस्था को देखकर संयुक्त अभिभावक संघ ने कहा की ” देश भले ही एक हो किंतु सरकार की अव्यवस्थाओं ने इतने कानून थोप दिए है की इससे अभिभावकों को ठोकरें खाने पर मजबूर होना पड़ रहा है, क्योंकि देश की शिक्षा व्यवस्था को लेकर सरकार ने जो कानून बनाए है उससे सबसे ज्यादा फायदा ” निजी स्कूलों को और उनके संचालकों ” को हो रहा है और सबसे ज्यादा नुकसान अभिभावकों को हो रहा है जिन्हें खुलेआम लूटा जा रहा है।
राजस्थान प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा की जब भारत एक देश है तो कानून भी एक ही होना चाहिए, आज शिक्षा व्यवस्था को लेकर दिल्ली, महाराष्ट्र, राजस्थान, यूपी, एमपी, बिहार सहित सभी राज्यों में अलग-अलग कानून थोपे गए, हर राज्य के अलग-अलग कानून होने से अभिभावक बहुत ज्यादा पीड़ित और प्रताड़ित हो रहा है और अपने आपको ठगासा महसूस कर रहा है। देश में शिक्षा व्यवस्था देश के प्रत्येक नागरिक की मूलभूत आवश्यकताओं में शामिल है इसके बावजूद ” एक देश एक कानून ” अभिभावकों को ना देकर, प्रत्येक राज्य को अपने-अपने कानून बनाने का अधिकार देकर निजी स्कूलों का संरक्षण करने का अधिकार दिया जा रहा है जिसके चलते आज देशभर में अभिभावक खुलेआम लूटने पर मजबूर हो रहा है। संयुक्त अभिभावक संघ केंद्र सरकार से मांग करता है की वह अभिभावकों की पीड़ाओं को समझे और देश के प्रत्येक बच्चे को देश की शिक्षा व्यवस्था का लाभ मिल सके इस दिशा में कार्य कर ” एक देश एक कानून ” बनाकर बच्चों और अभिभावकों को उनका अधिकार प्रदान करे। इस विषय को लेकर जल्द ही सभी राज्यों के अभिभावक, पालक संगठन एक बैठकर देश के प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन भी सौपने वाले है, राजस्थान, दिल्ली, यूपी, एमपी, गुजरात, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, झारखंड, छतिसगढ़ आदि राज्यों के अभिभावक संगठन लगातार इस विषय पर कार्य कर रहे है और जल्द ही दिल्ली के जंतर-मंतर ” अभिभावक एकजुटता रैली ” निकालकर अपना विरोध दर्ज करवाने वाले है।
अभिषेक जैन बिट्टू
प्रदेश प्रवक्ता & मीडिया प्रभारी
संयुक्त अभिभावक संघ राजस्थान
जयपुर
मो – 9829566545

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