दशलक्षण पर्व के उपवास करने वाले …..त्यागी – व्रतियों का हुआ सामूहिक पारणा, सम्मान में निकली बैंड – बाजों के साथ शोभायात्रा

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जयपुर। अनंत चतुर्दर्शी के साथ ही जैन धर्म के सबसे बड़े पर्व दशलक्षण पर्व का समापन गुरुवार को हो गया था। इस अवसर शुक्रवार को राजधानी जयपुर के साथ – साथ पूरे देशभर में दसलक्षण पर्व के उपवास करने वाले सभी त्यागी-व्रतियों के तप और त्याग की अनुमोदना विराजमान सभी दिगम्बर जैन संतो और आर्यिका माताजी के सानिध्य में की गई। इसी कड़ी में प्रताप नगर स्थित सेक्टर 8 शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर के आचार्य सौरभ सागर महाराज के सानिध्य में पिछले 10 दिनों से चल रहा दसलक्षण पर्व विधान पूजन का विसर्जन विश्व शांति महायज्ञ के साथ संपन्न किया गया और एक दर्जन से अधिक त्यागी – व्रतियों का सम्मान, सामूहिक पारणा करवाया गया। शुक्रवार को प्रातः 6.15 बजे आचार्य श्री के सानिध्य में श्रीजी का कालशाभिषेक प्रारंभ हुआ और शांतिधारा कर नित्य – नियम पूजन संपन्न की गई, इसके उपरांत दसलक्षण पर्व के उपवास करने वाले सभी त्यागी – व्रतियों के नियम पूर्वक विसर्जन करवाया गया और सम्मान समारोह आयोजित किया गया, इस दौरान वर्षायोग समिति, समाज समिति, महिला मंडल, युवा मंडल, बहु मंडल इत्यादि समितियों के पदाधिकारियों, समाज श्रेष्ठियों ने सभी त्यागी – व्रतियों के केसर तिलक लगा, मोतियों की माला पहना और प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मान किया साथ सभी त्यागी – व्रतियों के सम्मान में बैंड – बाजों और जयकारों के साथ भव्य नगर शोभायात्रा का आयोजन किया गया जिसमें त्यागी – व्रतियों को बग्घियों में बिठाया गया और नगर यात्रा निकाली गई। जिसमें सबसे आगे प्रथम बग्घी पर श्रीजी को विराजमान करवाया गया और दूसरी बग्घी में आचार्य श्री के घृस्थ अवस्था के पिताजी श्रीपाल जैन और माताजी व परिवाजन को बैठाया गया।

अखिल भारतीय दिगंबर जैन युवा एकता संघ अध्यक्ष अभिषेक जैन बिट्टू ने बताया कि शुक्रवार को दशलक्षण पर्व के उपवास करने वाले सर्वेश जैन, नवीन जैन, श्रीमती शशि प्रभा जैन, श्रीमती आशिका जैन (दिल्ली) सहित कुल 12 से अधिक श्रद्धालुओं ने दशलक्षण उपवास किए थे, एक श्रावक ने 7 दिन के उपवास, 1 श्रावक ने 5 दिन के उपवास और 3 श्रावकों ने झर का तेला उपवास कर अपने त्याग और तप का परिचय देते हुए निर्जल उपवास सम्पन्न किये। अजमेर रोड़ स्थित जयसिंहपुरा के निवासी सर्वेश जैन पिछले 10 वर्षो से दसलक्षण पर्व के उपवास कर रहे है, वर्ष 2014 में आर्यिका गौरवमति माताजी के सानिध्य में वरुण पथ, मानसरोवर से उपवास प्रारंभ किए थे, जिसके बाद लगातार 10 सालों तक उन्होंने दसलक्षण पर्व के 10 उपवास हर वर्ष संपन्न किए।

आचार्य सौरभ सागर महाराज ने सभी त्यागी –  व्रतियों के सम्मान में आशीर्वचन देते हुए कहा की श्रेष्ठ श्रावक दशलक्षण पर्व की महिमा को अपनाकर ना केवल दशलक्षण पर्व के उपवास करते है बल्कि धर्म की ध्वज पताका को भी लहराते है, यह ऐसे श्रावक है जिनके त्याग, तप और साधना से धर्म सदेव अजर – अमर रहता है। ऐसे श्रावकों की अनुमोदना जितनी भी की जाय वह हमेशा कम ही होगी।

” क्षमा ” वीरों का अनमोल ” आभूषण ” जो वीर होते है वह क्षमा के भावों को धारण करते है – आचार्य सौरभ सागर

शुक्रवार को प्रताप नगर सेक्टर 8 में क्षमावाणी पर्व के अवसर पर आचार्य सौरभ सागर महाराज ने अपने आशीर्वचन में कहा की ” क्षमावाणी सबसे उत्तम पर्व है जो पर्वो में सबसे श्रेष्ठ पर्व माना गया है, क्योकि इस दिन क्षमा के भावों को वही लोग धारण करते है जो वीर होते है, क्षमा विरों का सबसे श्रेष्ठ आभूषण है जो क्षमा धारण कर बिना गलती के भी क्षमा मांग ले वह सबसे बड़ा वीर है इस जगत के प्रत्येक प्राणी को एक दूसरे के प्रति सदैव क्षमा के भावों को बनाए रखना चाहिए। क्योकि कुछ गलतियां जानबूझकर भूलवश हो जाती है और कुछ गलतियां ऐसी होती है जो अनजाने में हो जाती है। क्षमा मांगने वाला या क्षमा देने वाला कभी छोटा या बड़ा नहीं बनता अपितु वह क्षमा भाव धारण कर अपने बड़पन से एक-दूसरे के मतभेदों को विश्वास में बदल सकता है। इसलिए प्रत्येक प्राणी को क्षमा के भावों को धारण करना चाहिए। ”
मंदिर समिति अध्यक्ष कमलेश जैन बावड़ी वाले ने बताया की आचार्य श्री शनिवार को प्रातः 6 बजे दुर्गापुरा जैन मंदिर के लिए विहार करेगे जिसके चलते क्षमावाणी के अवसर पर आयोजित संध्याकालीन श्रीजी के कलशाभिषेक, शांतिधारा और श्रीजी के माल कार्यक्रम में आचार्य श्री का सानिध्य नही हो पायेगा, जिसके चलते शुक्रवार को ही आचार्य श्री को श्रीफल भेंट कर क्षमावाणी पर आशीर्वचन प्रदान करने का निवेदन किया गया था।

आज (शनिवार) को शहरभर के जैन मंदिरों में मनाया जायेगा ” क्षमावाणी पर्व “, होगे कलशाभिषेक

अभिषेक जैन बिट्टू ने बताया कि ” क्षमावाणी ” पर्व के अवसर पर शहरभर के सभी दिगम्बर जैन मंदिरों में आयोजन होगे। जिसमे अतिशय क्षेत्र बाड़ा पदमपुरा दिगम्बर जैन मंदिर, वाटिका स्थित नवग्रह दिगम्बर जैन मंदिर, लाखना स्थित आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर, बड़ के बालाजी स्थित सुपार्श्व गार्डन सिटी के चन्द्रप्रभ दिगम्बर जैन मंदिर, आगरा रोड़ स्थित चूलगिरी दिगम्बर जैन मंदिर, जनकपुरी-ज्योति नगर, सांगानेर संघी जी, प्रताप नगर सेक्टर 8 और 3, सूर्यनगर तारों की कूट, जय जवान कॉलोनी, एसएफएस कॉलोनी, मीरा मार्ग, थड़ी मार्किट, वरुण पथ, हीरा पथ, केसर चौराहा, पारस विहार मुहाना मंडी, राधा निकुंज कॉलोनी, इंजीनियर्स कॉलोनी, त्रिवेणी नगर, 10 बी स्किम, कीर्ति नगर, बरकत नगर, राधा विहार, सिविल लाइन्स, जवाहर नगर, आदर्श नगर, कमला नेहरू नगर, झोटवाड़ा, कालवाड़ रोड़, वैशाली नगर, नेमी सागर कॉलोनी, छोटी चौपड़, बड़ी चौपड़, चांदपोल, त्रिपोलिया, सुभाष चौक, मालवीय नगर, जगतपुरा आदि सहित 250 से अधिक जैन मंदिरों में सामूहिक पड़वा मनाई जायेगी, इस दौरान दोपहर मध्याह 3.15 बजे से श्रीजी के कलशाभिषेक, शांतिधारा का आयोजन होगा। इसके उपरांत श्रीजी की माल का आयोजन होगा और इसके बाद सामूहिक क्षमावाणी पर्व मनाया गया। जिसमें सभी श्रावक और श्राविकाएं खोपरा – मिश्री का सेवन कर एक दूसरे से अपने जाने – अनजाने में हुई गलतियों की क्षमा याचना करेगे।

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