spot_img

1 दिसंबर 1895 से प्रकाशित जैन समाज का सर्वाधिक प्रसार संख्या वाला साप्ताहिक

Unit of Shri Bharatvarshiya Digamber Jain Mahasabha

spot_img

जैन न्यूज़

हम पहले लोकाचार का तो पालन करें – क्षुल्लक सहज सागर

0
भिलाई। गुरुवार। मूलाचार या श्रावकाचार की बात तो तब समझ आये जब हम लोकाचार का तो पालन करें। हम बड़ी बातें करते हैं आचार्य...

बारह भावनाएं (बारह अनुप्रेक्षा) – विद्यावाचस्पति डॉक्टर अरविन्द प्रेमचंद जैन भोपाल

0
जब मनुष्य अशांत होता हैं और वह निराशा से घिर कर,  नकारात्मक भावो से घिर जाता हैं ,जीवन से पलायन करना चाहता हैं .जबकि...

चित्रक – विद्यावाचस्पति डॉक्टर अरविन्द प्रेमचंद जैन भोपाल

0
चित्रक के पौधे पत्तियों और जड़ों का इस्तेमाल बीमारी के उपचार के लिए किया जाता है। साधारणतः चित्रक से सफेद चित्रक ही ग्रहण किया जाता...

कलयुग में भी सतयुग की जैसी नारी श्रीमति सारिका जैन

0
भरत के भारत में पूर्व की संस्कृतिं की पूजा होती है। अज्ञान के अंधकार से ज्ञान के प्रकाश की ओर ले जाने वाली संस्कृति...

समलैंगिक शादी – बर्बादी और विवाद का मुख्य कारण – विद्यावाचस्पति डॉक्टर अरविन्द प्रेमचंद...

0
भारत देश में शादी पाणिग्रहण को एक महत्वपूर्ण संस्कार माना जाता हैं या होता हैं ,शादी से बर्बादी होती हैं और विवाह विवाद लाता...

मुनि श्री जिनेंद्र वर्णीजी की समाधि दिवस – विद्यावाचस्पति डॉक्टर अरविन्द प्रेमचंद जैन भोपाल

0
पूज्य श्री जिनेन्द्र प्रसाद वर्णी जी का जन्म १९२२ में भारत के पानीपत (हरियाणा) में हुआ था और उन्होंने १९८३ में सम्मेद शिकार जी...

भारतीय जैन मिलन के गौरवशाली 57 वर्ष – विजय कुमार जैन राघौगढ़ म.प्र.

0
जब हम पवित्र उद्देश्य को लेकर कोई शुभ कार्य करने का संकल्प लेते हैं तो अवश्य ही उस कार्य में सफलता मिलती है। ऐसा...

अंतर्राष्ट्रीय पत्रकारिता स्‍वतंत्रता दिवस -विद्यावाचस्पति डॉक्टर अरविन्द प्रेमचंद जैन भोपाल

0
अंतर्राष्ट्रीय पत्रकारिता स्‍वतंत्रता दिवस ३ मई  को मनाया जाता है। वर्ष १९९१  में यूनेस्को और संयुक्त राष्ट्र के 'जन सूचना विभाग' ने मिलकर इसे...

भगवान महावीर स्वामी का तप कल्याणक दिवस

0
आत्मा को परमात्मा बनाने का पुरुषार्थ है भगवान महावीर स्वामी की तप साधना सनावद - जैन दर्शन के अनुसार अष्ट कर्मों का नाश करने के...

जोड़ों के दर्द – रोजाना आहार/चिकित्सा – विद्यावाचस्पति डॉक्टर अरविन्द प्रेमचंद जैन भोपाल

0
जोड़ों का दर्द दो प्रकार का होता हैं ,यह समझना बहुत आवश्यक हैं .एक को कहते हैं वातरक्त यानि गाउट .और दूसरा सन्धिवात यानी...

Latest Post