Unit of Shri Bharatvarshiya Digamber Jain Mahasabha
यदि मान, सम्मान, इज्ज़त, प्रतिष्ठा नहीं बना पा रहे हो, तो कोशिश करो जो...
यदि मान, सम्मान, इज्ज़त, प्रतिष्ठा नहीं बना पा रहे हो,
तो कोशिश करो जो बनी है, वो खराब नहीं हो पाये..!अन्तर्मना आचार्य श्री 108 प्रसन्न...
भारतीय संस्कृति में जनतंत्र के सूत्रधार हैं श्री भगवान् महावीर स्वामी
प्रतिवर्ष दीपावली के दिन जैन धर्म में दीपमालिका सजाकर भगवान महावीर का निर्वाणोत्सव मनाया जाता है। कार्तिक अमावस्या के दिन भगवान महावीर स्वामी को...
गुरुदेव के चरण वंदन के किया अकेले 650 किलोमीटर का पदविहार
भारत की पावन वसुंधरा पर समय समय पर अनेकानेक संतो ऋषि मुनि महात्माओं ने जन्म लिया है । हां जी धरती बीछोना है आसमान...
आत्मशोध के लिए “सत्यार्थ-बोध” प्राप्त करो- आचार्य विशुद्ध सागर
दिगम्बराचार्य भी विशुद्धसागर जी गुरुदेव ने कहा कि लक्ष्य का बोध ही सफलता के निकट ले जाताक़ हैं।
आचार्य श्री ऋषभ सभागार मे धर्मसभा में...
इंटरनेशनल डे फॉर प्रीवेंटिंग एक्स्प्लॉयटेशन ऑफ़ एनवायरमेंट इन वार एंड आर्म्ड कनफ्लिक्ट: विद्यावाचस्पति डॉक्टर...
वर्तमान में रशिया और यूक्रेन के साथ इज़राइल और हमास में जो युध्य हो रहे हैं उनमे मानव और जीव हिंसा के साथ धन...
मंदिरों का अतिशय क्यों खतम हो रहा है? – विद्यावाचस्पति डॉक्टर अरविंद प्रेमचंद...
किसी भी साध्य प्राप्ति में माध्यम भी पवित्र होना चाहिये । पहले जैन मंदिरों के निर्माण में इस बात का विशेष ध्यान रखा जाता...
जैन समाज के हित में गिरनार संबंधित इस समाचार को अवश्य छापे तथा उसकी...
विश्व इतिहास में पहली बार
वैदिक संस्कृति के सबसे बड़े पर्व दीपावली पर
गिरनार पर हो रहे अन्याय के
विरोध में श्रमणों का अनशन
शरद जैन (चैनल महालक्ष्मी...
आचार्य श्री ससंघ को श्रीफल भेंट 5 नवंबर को
"सुख-दुख का अनुभव होना ही वेदनीय कर्म है : आचार्य प्रमुख सागर"
गुवाहाटी : फैंसी बाजार के भगवान महावीर धर्म स्थल मे चातुर्मास प्रवास के...
आयिका विशेषमति माता ने पहली बार विशेष आग्रह पर विधानसभा में प्रदार्पण किया
राजधानी जयपुर 2 नवंबर 2023
गणिनी आयिका विशुद्ध मति माता की परम शिष्य बाल योगिनी विशेष मति माता वर्षा योग जनकपुरी ज्योति नगर के जैन...
नींद का ज्यादा आना भी दर्शन गरानी कर्म का उदय है : आचार्य प्रमुख...
गुवाहाटी : आचार्य श्री प्रमुख सागर महाराज द्वारा आज आठों कर्मों में से ज्ञानवर्णी कर्म का विवेचन हुआ। तत्पक्षात दर्शनवसर्णीय कर्म का उपदेश दिया...