आचार्य श्री विद्यासागर का सपना, इंडिया नही भारत सार्थकता की ओर
अंग्रेजों की गुलामी व दासता के प्रतीक भारतीय दंड संहिता इंडियन पेनल कोड (IPC) की समाप्ति एक इतिहास का अंत है और नए इतिहास का प्रारंभ है । आज से संपूर्ण भारतवासी नए कानून के दायरे में होंगे जिसका नाम है भारतीय न्याय संहिता (BNS) होगा। आप सब भारतवासियों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं और बधाई।
सबसे बड़ी बात यह हुई है कि इंडिया से भारत की ओर बढ़ने का कदम और भी तेजी के साथ मजबूत हुआ है। आचार्य श्री विद्यासागर महाराज द्वारा प्रदत्त इंडिया नहीं भारत बोलो का नारा अब बहुत ही मजबूती की ओर आगे बढ़ रहा है। उनके सपनों की सार्थकता में यह कानून एक बड़ा कदम साबित होगा।
अब हम सब इंडियन नहीं भारतीय हैं और यही हमारी मूल पहचान है। हम सबको इंडिया कहना छोड़ देना चाहिए और केवल और केवल यह कहना चाहिए कि हम भारत के वासी हैं और भारतीय हैं भारत ही हमारा मूल स्वरूप व पहचान है। प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव के पुत्र भरत से बना भारत ही हमारी संस्कृति, मान्यताओं और विरासत को सहेजे हुए है जो पुनर्स्थापित और जीवंत हो रही है। पूर्वजों द्वारा प्रदत्त धरोहर को संरक्षित,संवर्धित कर उनके प्रति कृतज्ञता जाहिर करने का सबसे बड़ा मौका हम सबको मिला है इसे हमें और आगे बढ़ाने की आवश्यकता है संपूर्ण देश में केवल और केवल एक ही नारा बुलंद हो हम सब भारतीय हैं।
संजय जैन बड़जात्या कामां,राष्ट्रीय सांस्कृतिक मंत्री जैन पत्रकार महासंघ
Unit of Shri Bharatvarshiya Digamber Jain Mahasabha