भाजपा, कांग्रेस, आप सहित सभी राजनीतिक दल सनातन धर्म विरोधी, दे रहे देवउठनी एकादशी पर वोटिंग की मौन सहमति

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जयपुर। सोमवार को चुनाव आयोग ने जैसे ही राजस्थान में 23 नवंबर को चुनाव का ऐलान किया ठीक वैसे ही चुनाव की तारीख का विरोध शुरू होने लगा, प्रदेशभर से मांग उठ रही है की चुनाव आयोग चुनाव की तारीख में बदलाव करे या तो 23 नवंबर से पहले करे या बाद में करे क्योंकि 23 नवंबर को देवउठनी एकादशी है जो ना केवल हिंदू धर्म में बहुत बड़ा पर्व माना जाता है बल्कि सनातन धर्म को मानने वाले लोग इस दिन को बहुत महत्व देते है। इस दिन अबूझ मुहूर्त भी होता है जिसमें लोग शादी, प्रतिष्ठान मुहूर्त, पूजन इत्यादि रखते है, इसलिए चुनाव आयोग को राजस्थान की जनता की मांग पर विचार करना चाहिए और चुनाव की तारीख में बदलाव करना चाहिए, अगर ऐसा नही होता है तो प्रदेश के 1 करोड़ से अधिक लोग वोट देने संचित रह जायेगे। जो देश के संविधान के खिलाफ होगा, लोकतंत्र का खुलेआम दमन होगा।

संयुक्त अभिभावक संघ सहित विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़े युवा सामाजिक कार्यकर्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने 23 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों पर भी निशाना साधा और कहा की भाजपा, कांग्रेस, आप, बसपा, आरएलपी, जेजेपी सहित तमाम राजनीतिक दल जनता के अधिकारों पर जनता के साथ बिल्कुल भी नही खड़े है। सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को ज्ञात है की 23 नवंबर को देवउठनी एकादशी है, चुनाव तारीख के ऐलान से पूर्व और बाद में चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों के साथ बैठकर वार्ता भी की थी किंतु किसी भी नेता ने देवउठनी एकादशी का जिक्र तक नहीं किया और ना ही अब कर रहे जब पूरा प्रदेश चुनाव तारीख को बदलने की मांग चुनाव आयोग से कर रहा है।

अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा की भाजपा और कांग्रेस तो अपने हर मसले पर हिंदू और सनातन धर्म का इस्तेमाल करते है किंतु अब सभी राजनीतिक दल 23 नवंबर को चुनाव का समर्थन कर ना केवल हिंदुओ की आस्था को ठेस पहुंचा रहे है बल्कि सनातन धर्म का अपमान भी कर रहे और देश में लोकतंत्र, संविधान और कानून की भी हत्या कर रहे है।

चुनाव तारीख में बदलाव नहीं तो धर्म के सम्मान में चुनाव का बहिष्कार

अगर 23 नवंबर को देवउठनी एकादशी नही होती, प्रदेश में 1 लाख से अधिक विवाह नही होते, 1 करोड़ से अधिक लोग अपने मताधिकार से वंचित नहीं हो रहे होते तो प्रदेश को कही भी आपत्ति नहीं होती, अगर चुनाव आयोग ने चुनाव की तारीख में बदलाव नहीं किया तो धर्म के सम्मान में चुनावों का बहिष्कार करुंगा और लोगों से भी वोट ना करने की अपील करुंगा।

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