भारी विरोध के बाद जीवित पशुध निर्यात विधेयक 2023 केन्द्र सरकार ने लिया वापस

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अहिंसक प्रेमियों में ख़ुशी की लहर
विधेयक के विरोध में ललितपुर में हुआ था कड़ा विरोध
ललितपुर। केंद्र सरकार द्वारा संसद में प्रस्तुत किए जाने वाले जीवित पशुधन आयात- निर्यात विधेयक 2023 को प्रस्तुत किए जाने से रोक लिया गया, जिसे समूचे अहिंसा प्रेमियों में खुशी छा गई है। उल्लेखनीय है कि भारत सरकार के मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय द्वारा जीवित पशुओं के आयात-निर्यात के लिए तैयार किए गए आयात निर्यात विधेयक 2023 संसद में पारित किया जाना था। इसका देशभर में जैन समाज, अहिंसा एवं शाकाहार में विश्वास रखने वाले अन्य समुदाय द्वारा विरोध कर उसे रोकने के लिए राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, कृषि मंत्री एवं संबंधित मंत्रालय के नाम ईमेल एवं स्थानीय प्रशासन के माध्यम से ज्ञापन प्रेषित किए जा रहे थे।
17 जून को ललितपुर में भी घंटाघर पर इसका कड़ा विरोध प्रदर्शन, रोड जाम, ज्ञापन दिया गया था। जिसमें जैन पंचायत के आह्वान पर विश्व हिंदू परिषद सहित तमाम संगठन एकत्रित हुए थे।
अंततः विरोध के चलते भारत सरकार के मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के ज्वाइंट सेकेट्री जी. एन. सिंह के हस्ताक्षर से मंगलवार को एक आदेश जारी कर विधेयक को निरस्त करने की घोषणा की गई है। प्रस्तावित विधेयक को वापिस लिए जाने की सूचना भारत सरकार के पशुपालन एवं डेयरी विभाग की वेबसाइट पर भी शो हो रही है।
 आभार माना :
दिगम्बर जैन पंचायत समिति ललितपुर, विश्व जैन संगठन, तीर्थक्षेत्र कमेटी उत्तर प्रदेश, विश्व हिंदू परिषद, प्रागैतिहासिक तीर्थक्षेत्र नवागढ़, अतिशय क्षेत्र गिरार, अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जैन शास्त्रि-परिषद, अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जैन विद्वत परिषद, जैन मिलन, अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जैन महासभा, शिक्षक सामाजिक समूह,दिगम्बर जैन परिषद, श्रमण संस्कृति स्नातक परिषद, महासमिति,प्रभावना जनकल्याण परिषद, महासमिति, करुणा इंटरनेशनल,  युवा संगठन आदि संस्थाओं के सैकड़ों लोगों ने ईमेल भेजकर भारी विरोध दर्ज कराया था। विधेयक वापसी के  इस निर्णय पर केंद्र सरकार के प्रति आभार माना है।
इनका कहना है…
परम पूज्य मुनि  श्री सुधासागर जी व सभी साधु-संतों के आवाहन पर अहिंसा प्रेमियों के सामूहिक प्रयास व सभी साधु संतों के आशीर्वाद का यह सुफल परिणाम है कि केंद्र सरकार ने जीवित पशुओं को निर्यात करने संबंधी बिल दिनांक 7 जून 2023 को वापिस ले लिया है। सभी को हार्दिक बधाई।
-प्रदीप जैन आदित्य
पूर्व केंद्रीय मंत्री भारत सरकार
-पशु निर्यात विधेयक विरोध ला रहा है रंग
भारत सरकार के पशु पालन विभाग ने पशु आयात और निर्यात विधेयक 2023 का ड्राफ्ट 7 जून को तैयार किया था। इस पर 17 जून तक आपत्ति व सुझाव मांगे गये थे। मात्र दस दिन का समय था। सभी अहिंसक प्रेमियों खासतौर से जैन समाज ने इसका तीव्र विरोध किया। भारत सरकार के मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय से सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिस ईमेल पर विभाग ने आपत्ति और सुझाव मांगे थे उस ईमेल पर 10 हजार से अधिक ईमेल विभाग को मिले । जिसमें 99 प्रतिशत ईमेल विधेयक के विरोध में विभाग को मिले । इतनी अधिक मात्रा में आए विरोध पत्रों को देखते हुए सरकार को यह निर्णय लेना पड़ा। एकता की जीत हुई।
-डॉ. सुनील जैन संचय
मंत्री-उत्तर प्रदेश-उत्तराखण्ड तीर्थक्षेत्र कमेटी
-सभी अहिंसा प्रेमियों के प्रबल विरोध के कारण यह  अच्छी खबर मिली है।सभी को हार्दिक बधाई, प्रस्तावित बिल वापस लिया गया।-प्रदीप जैन झांसी, पूर्व सदस्य भारतीय प्रेस परिषद
– बहुत अच्छी खबर है। निरीह प्राणियों पर दया करो। दया ही धर्म का मूल है। -कल्यान सिंह रजावत, ललितपुर

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