भिंड/ मेडिटेशन गुरु उपाध्याय विहसंत सागर महाराज मुनि विश्वसाम्य सागर महाराज के ससंग सानिध्य में जैन समाज की आस्था का केंद्र अतिशय क्षेत्र बरासो जी जैन मंदिर में जहां पर भगवान महावीर स्वामी का तीन बार सामोशरन आया ऐसे अतिशय क्षेत्र पर होली की अस्ठानिका महापर्व के अवसर पर 25 मार्च से 28 मार्च तक श्री 1008 जिन सहस्त्रनाम विधान का आयोजन किया गया था जिसमें मुनिराज ने भक्तों के साथ सवा लाख के अर्घो का संकल्प लिया था जिसमें भक्तों की अधिक आस्था ओर अधिक संख्या को देखते हुए पांच लाख लौंग से अर्घो को चढ़ाया संकल्प से अधिक का विधान बड़े धूमधाम के साथ संपन्न हुआ।
इस अवसर पर मेडिटेशन गुरु उपाध्याय विहसन्त सागर महाराज ने धर्म सभा में कहा कि विधान का संकल्प सवा लाख अर्घो का था जिसमें लोगों की आस्था और विश्वास को देखते हुए 5 लाख से अधिक अर्घो से जिन सहस्त्रनाम विधान का समापन हुआ है जिसके प्रतिष्ठाचार्य संदीप शास्त्री मेहगांव द्वारा विधि विधान से विधान को संपन्न कराया।
चातुर्मास के लिए भक्तों ने मुनिराज को चढ़ाया श्रीफल
अतिशय क्षेत्र बरासों जी जैन मंदिर में विराजमान मेडिटेशन गुरु उपाध्याय विहसन्त सागर महाराज मुनि विश्वसाम्य सागर महाराज के चरणों में चातुर्मास के लिए आगरा भिंड ग्वालियर उमरी डबरा मुरैना मेहगांव अनेक स्थानों से पधारे भक्तों के द्वारा मुनिराज को श्रीफ़ल चढ़ाकर निवेदन किया की है मुनिराज इस वर्ष का चातुर्मास मेरे यहां हो तभी मुनिराज ने कहा की चातुर्मास करना मुझे है लेकिन गुरु आजा जहां की होगी वहीं चातुर्मास होगा।
मुनिराज का उमरी के लिए हुआ मंगल विहार
मेडिटेशन गुरु उपाध्याय विहसंत सागर महाराज ससंग का अतिशय क्षेत्र बरासो जी से उमरी जैन मंदिर के लिए शाम 5:00 बजे मंगल बिहार हुआ
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