बच्चों कोप्रोत्साहित करना आवश्यक हैं ——— विद्यावाचस्पति डॉक्टर अरविन्द प्रेमचंद जैनभोपाल

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अभिभावक होने के नाते हमारी जिम्मेदारी है कि बच्चों को उनकी गलतियों पर डांटने के साथ उनकी अच्छाइयों और उपलब्धियों को सराहना भी चाहिए। उनका आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए उन्हें हमेशा प्रोत्साहित करें।
बच्चों को प्रोत्साहित करना बेहद जरूरी है। जिन बच्चों को प्रोत्साहित नहीं किया जाता, उनके अंदर हीनभावना और असुरक्षा की भावना घर कर जाती है। ऐसे में पेरेंट होने के नाते आपकी जिम्मेदारी है कि बच्चों को उनकी गलतियों पर डांटने के साथ उनकी अच्छाइयों और उपलब्धियों को सराहना भी चाहिए। बच्चों को मोटिवेट करने से उनके दिमाग पर कितना सराहना असर पड़ता है और बच्चों को क्यों सराहना जरूरी है।
बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ता है
माता पिता बच्चों की नजरों में हीरो होते हैं। ऐसे में जब उनकी किसी उपलब्धि पर उनके हीरो उनकी तारीफ और मोटिवेट करते हैं, तो उनका खुद पर विश्वास बढ़ता है। उनका आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए उन्हें हमेशा प्रोत्साहित करें।
मुश्किल से निकलने में मदद
आपका बच्चा अगर किसी काम को सही से नहीं कर पा रहा, तो भी उसे डांटने की बजाय प्रोत्साहित करें कि फिर से कोशिश करने पर उनसे बेहतर यह काम कोई नहीं कर सकता। जैसे, अगर आपका बच्चा पेटिंग ठीक से नहीं कर पाता, तो उसकी हेल्प करें और प्रोत्साहित करते हुए बताएंं कि वह कैसे इस काम को और बेहतर तरीके से कर सकता है।
असुरक्षा नहीं होती
असुरक्षा होने से जलन की भावना जन्म लेती है। आप हमेशा अगर दूसरे बच्चों की तारीफ करेंगे और अपने बच्चों की गलतियां निकालते रहेंगे, तो इससे आपका बच्चा असुरक्षित हो सकता है। उसे दूसरे बच्चों को देखकर जलन हो सकती है, इसलिए बच्चों को मोटिवेट प्रोत्साहित भी करें।
कोशिश करने के लिए प्रोत्साहित करें
हार और जीत जीवन का हिस्सा है इसलिए अगर आपका बच्चा हार भी जाता है, तो उसे आगे बढ़ने के लिए मोटिवेट करें। बच्चे को हमेशा जीतना ही न सिखाएं बल्कि उसे हार से डील करना भी जरूर सिखाएं।

बच्चों को इन चार बातों से फील महसूस होता है सबसे ज्यादा दबाव
हम ध्यान के नाम पर बच्चों के साथ ऐसा बिहेव बर्ताव कर देते हैं, जिससे बच्चों को ठेस पहुंचती है। क्रियाकलाप के नाम पर बच्चे से ऐसे कृत्य करते हैं जिससे बच्चे कोदबाव महसूस होने लग जाता है। जानें क्या हैं वे
बच्चों को इन चार बातों से फील होता है सबसे ज्यादा प्रेशर
बढ़ते हुए बच्चे की ध्यान करना हरमाता पिता के लिए काफी चुनौतीपूर्ण होता है। ऐसे में कभी-कभी ऐसा होता है कि हम ध्यान के नाम पर बच्चों के साथ ऐसा व्यवहार कर देते हैं, जिससे बच्चों को ठेस पहुंचती है। क्रियाकलाप के नाम पर बच्चे से ऐसेकृत्य कराना जिससे बच्चे कोदबाव महसूस होने लग जाता है। ऐसे में आपको जान लेने की जरूरत है कि आपकी किन बातों से बच्चे को दबाव महसूस होता है।
मेहमानो के सामने नृत्य या गाना गाना
आमतौर पर सभी लोगों को बच्चे का डांस करना या फिर गाना गाना बहुत ही प्यारा लगता है लेकिन क्या आपने सोचा है कि आपके बच्चे को इस चीज से न सिर्फ ध्यान की आदत पड़ जाएगी बल्कि उसे दबाव भी महसूस होता है। कभी-कभी सिर्फ माता पिता के डर की वजह से बच्चा क्रिया कलाप करता है।
नम्बर लाने की होड़
हमेशा दूसरे बच्चों की तारीफ करना या फिर कहते रहना कि कोई दिन भर पढ़ता रहता है, इन सब बातों से भी बच्चों को दबाव महसूस होता है। ऐसे में आपको समझना चाहिए कि बच्चों को उनके प्रतिभा के हिसाब से काम करने दें, उन पर किसी तरह का दबाव न डालें।
हमेशा जीतना सिखाना
बच्चों को जीतने की आदत डालने से ज्यादा उन्हें हार को डील करना सिखाना चाहिए। इससे बच्चे सकारात्मक हो पाएंगे। वरना किसी और के जीतने पर उन्हें जलन होगी और वे हमेशा असुरक्षित ही रहेंगे।
हर काम में उत्तम होना
हर काम मेंउत्तम होना जरूरी नहीं है। बच्चों को हर जगह आगे रहने की सीख देने से बच्चे पूरी तरह अपने बचपन के आनंद नहीं कर पाते हैं। ऐसे में उन्हें बताएं किउत्तम होने से ज्यादा वास्तविक होना ज्यादा जरूरी है।
विद्यावाचस्पति डॉक्टर अरविन्द प्रेमचंद जैन संरक्षक शाकाहार परिषद् A2 /104 पेसिफिक ब्लू ,नियर डी मार्ट, होशंगाबाद रोड, भोपाल 462026 मोबाइल ०९४२५००६७५३
सी ५०४ कुंदन एस्टेट ,कांटे बस्ती ,पिम्पले सौदागर ,पुणे महाराष्ट्र .४११०२७

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