जन्म से कोई हर बात सीख कर नहीं आता, जैसे चलने से पहले गिरना जरुरी हैं तभी वह चलने का महत्व समझता हैं. अज्ञानता तब तक रहती हैं जब तक वह उस बात को नही जान लेता हैं .इस प्रकार बच्चे के लिए जीवन की पहली पाठशाला बचपन होती हैं. इस समय वह कच्ची मिटटी जैसा होता हैं जैसे उसे मोड़ना चाहे मुड़ जाता हैं, ढल जाता हैं .यह बच्चों के लिए बहुत नाजुक समय होता हैं. सफल होने के लिए बच्चे का आत्मविश्वास बढ़ना बहुत जरूरी है। अगर आपको लगता है कि बच्चे में आत्मविश्वास कम है, तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है।
क्योकि आत्मविश्वास हर व्यक्ति के लिए जरूरी है। जीवन में सफल होने के लिए अगर सबसे पहले कोई चीज चाहिए होती है, तो वह आत्मविश्वास ही होता है। यह ऐसी चीज है, जो हमें बचपन से सीखनी पड़ती है। अगर बच्चे में आत्मविश्वास की कमी है, तो जीवन में आगे जाकर भी उसमें आत्मविश्वास की कमी रह जाती है और व जीवन में सफल नहीं हो पाता है। अगर आपको भी लगता है कि आपके बच्चे में आत्मविश्वास की कमी है, तो आपको इस चीज को थोड़ा गंभीरता से लेना चाहिए। हालांकि, चिंता करने की जरूरत नहीं हैं। कुछ बातों का ध्यान रखकर आप अपने बच्चे का आत्मविश्वास और मनोबल बढ़ा सकते हैं।
पहले खुद करें –
आपका बच्चा कोई भी नया काम करने से कतराता है, तो जाहिर है कि उसमें आत्मविश्वास की कमी है। बच्चे के आत्मविश्वास को बढ़ाने के सबसे सही तरीका यही है कि उसे खुद करके दिखाएं। उदाहरण के लिए अगर आपका बच्चा कुछ लोगों को बीच में बोल नहीं पा रहा है, तो पहले खुद बोलकर दिखाएं। आपको देखकर बच्चे का आत्मविश्वास बढ़ेगा और वह कर पाएगा।
बच्चे की प्रशंसा जरूरी-
बच्चा कुछ काम करने की कोशिश कर रहा है, तो उसकी प्रशंसा करनी बहुत जरूरी हैं। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं कि आप उसकी जरूरत से ज्यादा प्रशंसा करें। ऐसा करना बच्चे के आत्मविश्वास को जरूरत से ज्यादा बढ़ा सकता है। जरूरत से ज्यादा तारीफ करना बिलकुल तारीफ न करने से भी खतरनाक है।
खुद एक रोल मॉडल बनें –
आप जैसा अपने बच्चे को बनाना चाहते हैं, खुद भी आपको वैसा ही बनना पड़ेगा। बच्चे के लिए सबसे पहले रोल मॉडल उसके पेरेंट्स होते हैं। अगर आप चाहते हैं कि बच्चा आत्मविश्वास बनाए, तो आपको भी ऐसे ही काम करने होंगे जिससे बच्चे को लगे कि आपमें आत्मविश्वास कूट-कूट कर भरा हुआ है।
उसे सीखने का टाइम दें –
बच्चे को सीखने में मदद मिलेगी अगर आप उसे सीखने के लिए पर्याप्त टाइम दें। अगर आपका बच्चा कोई काम आत्मविश्वास से नहीं कर पा रहा है, तो उसके साथ जबरदस्ती न करें। जबरदस्ती करने से बच्चे का आत्मविश्वास बढ़ने की बजाय कम होने लगता है, इसलिए ऐसा कभी नहीं करना चाहिए।
हारना सीखना भी जरूरी –
हार हमारे जीवन का एक बहुत महत्वपूर्ण पहलू है, जिससे हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है। अपने बच्चे को हारना भी सिखना जरूरी है अगर बच्चा कभी हार स्वीकार नहीं कर पा रहा है, तो वह कभी जीत भी नहीं पाएगा। क्योंकि एक बार हारने के बाद बच्चे का आत्मविश्वास बुरी तरह से टूट जाता है। हारने के बाद भी जिसका आत्मविश्वास न डगमगाए वह बच्चा सफल हो जाएगा।
वर्तमान काल में मोबाइल, लेपटॉप, इंटरनेट मन चंचलायमान होने से उनमे एकाग्रता की कमी होने से भी आत्म विश्वास डिगने लगता हैं .इसी समय हमें जागरूकता की जरुरत हैं .
-विद्यावाचस्पति डॉक्टर अरविन्द प्रेमचंद जैन संरक्षक शाकाहार परिषद्