अर्थराइटिस\गठिया दिवस – विद्यावाचस्पति डॉक्टर अरविन्द प्रेमचंद जैन भोपाल

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Asian woman hand suffering from joint pain with gout in finger

नमकीन ,खट्टे, चरपरे  खारे ,चिकने ,तथा गरम पदार्थों के अधिक सेवन करने से ,अजीर्ण अवस्था में भोजन करने से ,तिल की खली या मूलशाक अरवी और आलू या मूली के सेवन करने से ,कुल्थी ,उड़द ,सेम की शाक मांस ,दही कांजी मठ्ठा ,शराब सिरका आदि के अधिक सेवन करने से विरुद्धाशन ,अध्यशयन ,क्रोध दिवास्वप्न तथा रात्रि जागरण से ,मिथ्या आहार -विहार करने वाले सुकुमार ,प्रकृति के स्थूल और सुखी लोगों में वात और रक्त  कुपित होकर वातरक्त रोग उतपन्न कर देते हैं .
अर्थराइटिस यानी गठिया की समस्या अक्सर बढ़ती उम्र में लोगों को परेशान करने लगती है। गठिया  के अलावा अन्य हड्डियों से संबंधित समस्या भी एक उम्र के बाद लोगों को परेशान करने लगती है। हड्डियों को कम उम्र से पर्याप्त कैल्शियम, विटामिन डी की खुराक ना दी जाए, तो हड्डियों की डेंसिटी धीरे-धीरे कम होने लगती है। इससे हड्डियां कभी भी कमजोर होकर टूट सकती हैं। ऐसे में बेहतर है कि आप कम उम्र से ही कैल्शियम से भरपूर डाइट लें। अर्थराइटिस एक ऑटोइम्यून डिजीज है, जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम अपने ही ऊतकों को प्रभावित करता है। इससे शरीर के जोड़ों को नुकसान पहुंचता है और जोड़ों में सूजन और दर्द की समस्या शुरू हो जाती है। जोड़ो की समस्या हो या फिर अर्थराइटिस, आप इनसे बच सकते हैं कुछ प्राकृतिक उपायों  अर्थराइटिस से बचना चाहते हैं, तो नीचे बताए गए  जड़ी-बूटियों का सेवन करना शुरू कर दें। ।
अदरक: अदरक खाने से आप अर्थराइटिस की समस्या  से बचे रह सकते हैं। अदरक में सूजन और दर्द को दूर करने के गुण मौजूद  होते हैं। यह शरीर में प्रोस्टाग्लैंडिन के लेवल को कम करता है, जिससे अर्थराइटिस के लक्षण  कम होने लगते हैं। अदरक जोड़ों में होने वाले दर्द, सूजन को कम करने के साथ ही सर्दी के मौसम में आपके शरीर को अंदर से गर्म रखता है। ऐसा इसलिए क्योंकि अदरक की तासीर गर्म होती है। आपको जी मिचलाने, सिरदर्द, उल्टी की परेशानी हो, तो भी अदरक का सेवन कर सकते हैं। गले में खराश, सर्दी-खांसी की समस्या से भी इसके सेवन से आप बचे रह सकते हैं।इसको  आप खाना खाते समय चटनी की तरह ,कच्चा और चाय दूध में डालकर पिए।
हल्दी: हल्दी से आप अपने भोजन को पीला रंग तो देते ही हैं, साथ ही यह कई रोगों, इंफेक्शन से भी बचाती है। हल्दी  में मौजूद कुरकुमिन और कुरकुमिनाइड तत्व जोड़ों में होने वाले दर्द व सूजन को कम करते हैं। हल्दी में मौजूद औषधीय गुण शरीर में होने वाले दर्द, इंफेक्शन, खांसी-जुकाम आदि भी कम करते हैं।हमारे यहाँ खाने में  उपयोग करते ही हैं इसके साथ रात में दूध में डालकर पिए ,जिसे  आजकल “गोल्डन मिल्क” भी कहने लगे हैं।
मुलेठी: मुलेठी  में ग्लाइसिराइजिन नामक एक कंपाउड होता है, अर्थराइटिस के दर्द, हड्डियों में होने वाले सूजन को कम करता है। मुलेठी शरीर को फ्री रेडिकल्स से बचाता है। एंजाइम जो सूजन को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होता है, उसके निर्माण को रोकता है। मुलेठी का सेवन आप पाउडर और जेल के रूप में भी कर सकते हैं।पाउडर को २ग्राम पानी या दूध में डालकर पिए।
ये सब सामग्री हमारे दैनिक जीवन में बहुतायत और सुगमता से उपलब्ध हैं। बस इनको स्वीकारने और  विश्वास पैदा करने की जरुरत हैं।  ये सब सब मौसम में लाभकारी हैं।
सिंहयदि गुग्गलु ,महामंजिष्ठादि क़्वाथ ,गुडूचायादि लौह ,कैशोर गुग्गलु ,पंच तिक्त घृत ,पिंड तेल .गुडूचायादि तेल भी लाभकारी होते हैं .
विद्यावाचस्पति डॉक्टर अरविन्द प्रेमचंद जैन संरक्षक शाकाहार परिषद् A2 /104  पेसिफिक ब्लू ,नियर डी मार्ट, होशंगाबाद रोड  भोपाल 462026  मोबाइल  ०९४२५००६७५३

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