अंतरराष्ट्रीय न्याय दिवस—- विद्यावाचस्पति डॉक्टर अरविन्द प्रेमचंद जैन भोपाल

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संसार में आज वैश्विक व्यवस्था का बहुत महत्व है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापारिक लेनदेन, सांस्कृतिक और सूचना आदान प्रदान इतना ज्यादा होता है कि अंतरराष्ट्रीय न्याय व्यवस्था की जरूरत को खारिज नहीं किया जा सकता है. इतना ही नहीं दुनिया में अपराध का भी अंतरराष्ट्रीयकरण हो चुका है. इसके लिए अब व्यवस्थित रूप से अंतरराष्ट्रीय न्याय व्यवस्था की जरूरत है. इसीलिए युद्ध के अपराधियों के शिकार लोगों, देशों के बीच किसी तरह के विवादों, मानवता के खिलाफ अपराधों, आदि के लिए हर साल विश्व अंतरराष्ट्रीय न्याय दिवस मनाया जाता है.
अंतरराष्ट्रीय न्याय दिवस को अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्याय दिवस के नाम से भी जाना जाता है। हर साल 17 जुलाई को पूरी दुनिया में अंतर्राष्ट्रीय न्याय दिवस मनाया जाता है इस दिवस को मनाने का मुख्य कारण है अंतरराष्ट्रीय स्तर पर न्याय की उभरती हुई प्रणाली को पहचानना। क्या आपको पता है अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय को रोम संविधि के रूप में भी जाना जाता है। साथ ही सभी देशों को रोम के इस क़ानून को अपनाने का अधिकार भी है। अभी तक 120 देश रोम में एक क़ानून को अपना चुके है।
अंतरराष्ट्रीय न्याय दिवस लोगों को न्याय के समर्थन के लिए जागरूक और एकजुट करने के लिए मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य पीड़ितों को उनके अधिकारों के लिए बढ़ावा देना है। साथ ही गंभीर मुद्दों पर ध्यान देने के लिए दुनिया भर के लोगों को एकजुट करने और आकर्षित करने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाता है। यह लोगो को कई गंभीर अपराधों से बचाने के लिए चेतावनी देता है। साथ ही जो लोग भी दुनिया में शांति और सुरक्षा को प्रभावित करते है उनके लिए ये एक बड़ी चेतावनी है।
हर साल 17 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय न्याय दिवस मनाया जाता है। अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में 15 न्यायधीश होते है। जो कि संयुक्त राष्ट्र महासभा और सुरक्षा परिषद द्वारा चुने जाते है इन न्यायधीशों का कार्यकाल नौ साल होता है। और इन न्यायधीशों दुबारा भी चुना जा सकता है हर तीन साल में 15 न्यायधीशों में से पांच दोबारा चुने जा सकते है। न्यायधीशों की नियुक्ति के संबंध में एक मुख्य शर्त होती है कि किसी भी देश से दो न्यायधीश नहीं चुने जा सकते है।
अंतरराष्ट्रीय न्यायालय संयुक्त राष्ट्र का एक महत्वपूर्ण न्यायिक अंग है। अंतरराष्ट्रीय न्यायालय की स्थापना 1945 में हॉलैंड के शहर हेग में हुई थी। इसके बाद 1946 में इसने अपने काम शुरू कर दिए था। अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के अनुसार इसका काम कानूनी विवादों का निपटारा करना है। साथ ही संयुक्त राष्ट्र के अंगों और विशेष एजेंसियों द्वारा उठाए कानूनी प्रश्नों पर राय देना है। अंतरराष्ट्रीय न्यायालय की आधिकारिक भाषा अंग्रेजी और फ्रेंच है।
भारत सरकार ने भी कुलभूषण जाधव मामले में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का दरवाज़ा खटखटाया था भारत का अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का दरवाज़ा खटखटाने का मुख्य कारण पाकिस्तान द्वारा काउंसलर सेवा मुहैया कराने से इंकार करना था इतना ही नहीं पाकिस्तान सरकार ने कुलभूषण जाधव से जुड़े क़ानूनी दस्तावेज़ की कॉपी देने से इंकार कर दिया था साथ ही पाकिस्तान का कुलभूषण जाधव के परिवार को वीज़ा देने से इंकार कर दिया था इस लिए भारत सरकार को कुलभूषण जाधव मामले में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का दरवाज़ा खटखटाना पड़ा।
अंतरराष्ट्रीय न्याय व्यवस्था का एक उद्देश्य बहुत से अपराधों को रोकना भी है. इसके लिए विश्व अंतरराष्ट्रीय न्याय दिवस काफी कारगर हो सकता है जिसके बारे में जागरुकता फैला कर अंतरराष्ट्रीय अपराध रोकने में मदद मिलती है. इससे कई देशों को शांति और सुरक्षा मिलती है जो जोखिम में होते हैं या फिर उन्हें दूसरे देशों से होने वाले विवादों में अंतरराष्ट्रीय मदद की जरूरत होती है.
विद्यावाचस्पति डॉक्टर अरविन्द प्रेमचंद जैन संरक्षक शाकाहार परिषद् A2 /104 पेसिफिक ब्लू ,नियर डी मार्ट, होशंगाबाद रोड, भोपाल 462026 मोबाइल ०९४२५००६७५३
सी ५०४ कुंदन एस्टेट ,कांटे बस्ती ,पिम्पले सौदागर ,पुणे महाराष्ट्र .४११०२७

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