अच्छे बुरे कर्म का फल आज नहीं तो कल भोगना ही पड़ेगा। अन्तर्मना आचार्य श्री 108 प्रसन्न सागर जी महाराज

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अच्छे बुरे कर्म का फल आज नहीं तो कल भोगना ही पड़ेगा।      अन्तर्मना आचार्य श्री 108 प्रसन्न सागर जी महाराज औरंगाबाद  उदगाव नरेंद्र /पियूष जैन भारत गौरव साधना महोदधि    सिंहनिष्कड़ित व्रत कर्ता अन्तर्मना आचार्य श्री 108 प्रसन्न सागर जी महाराज एवं सौम्यमूर्ति उपाध्याय 108 श्री पीयूष सागर जी महाराज ससंघ का महाराष्ट्र के ऊदगाव मे 2023 का ऐतिहासिक चौमासा   चल रहा है इस दौरान  भक्त को  प्रवचन  कहाँ की   आप अपने अपराध के लिये कानून से बाद में दण्ड पायेंगे..
कानून दण्ड दे और ना भी दे..!
यदि कानून बिक गया तो दण्ड नहीं मिलेगा।
लेकिन कर्म की नजरों से आप कभी नहीं बच पाओगे। अच्छे बुरे कर्म का फल आज नहीं तो कल भोगना ही पड़ेगा।राजा हो या रंक, सन्त हो या सिपाही, काननू बिक सकता है लेकिन कर्म और मौत को आज तक कोई खरीद नहीं पाया।
पुलिस-प्रशासन से लेकर अदालत तक सबकी अपनी अपनी जिम्मेदारियांँ है। आज कानून आवाज उठाने वाले लोगों को सुरक्षा नहीं देता है बल्कि मामला दर्ज करवाने वाले को सुरक्षा देता है और यह भी सच है कि मोदी राज में, कानूनी कारवाई करवाने की प्रक्रिया भी बहुत सरल हो गई है। आम आदमी एक लेटर कोर्ट में देकर किसी भी संस्था, मठ को आप हम खखोल सकते हैं। बशर्त है – कानून अन्धा ना हो। वैसे आदमी का शासन, प्रशासन, कानून और डाक्टरों से विश्वास उठ गया है।
यदि नदी स्वयं अपना पानी पीने लग जाये, वृक्ष अपने फल खाने लग जाये, राजा – प्रजा के साथ अन्याय करने लग जाये और साधु सन्त समाज का शोषण करने लग जाये तो मानना यह कलयुग का चरमोत्कर्ष काल चल रहा है।
आगे क्या होगा-? कल्पना के बाहर की बात है…!!! नरेंद्र अजमेरा पियुष कासलीवाल औरंगाबाद

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