आचार्यश्री आर्यनंदीजी गुरुदेव कल्पवृक्ष थे – दिलीप घेवारे

0
8
पैठन : तीर्थरक्षाशिरोमणी पट्टाचार्य आर्यनंदीजी गुरुदेव सकल जैन समाज के लिए कल्पवृक्ष थे यह विचार अखिल दिगंबर जैन सैतवाल संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिलीप घेवारे ने अखिल दिगंबर जैन सैतवाल संस्था द्वारा आयोजित तीर्थरक्षाशिरोमणी पट्टाचार्य आर्यनंदीजी गुरुदेव 117 वें अवतरण दिवस समारोह पर आयोजित वात्सल्य दिन समारोह में व्यक्त किए। पैठन से 15 किलोमीटर दूर ढोरकिन ग्राम में समारोह का आयोजन किया था।
आर्यनंदी ग्लोबल स्कूल परिसर में दिलीप घेवारे और अतिथियों के हस्ते ध्वजारोहण हुआ। उसके बाद शहर के प्रमुख मार्गो से शोभायात्रा निकल कर यश लॉन पहुंची। वहां जिनेन्द्र प्रभु का अभिषेक, शांतिधारा दिलीप घेवारे, नितिन नखाते, पपीश कहाते के हस्ते हुई। समारोह की अध्यक्षता अखिल दिगंबर जैन सैतवाल संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिलीप घेवारे ने की।  प्रमुख अतिथि राष्ट्रीय महामंत्री नितिन नखाते, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष विजयकुमार लूंगाडे, राष्ट्रीय सहमंत्री द्वय रूपेश वायकोस, राजेंद्र नखाते, विद्याधर भुस, पवन अंबुरे, डॉ. राजेश फडकुले, सुरेशदादा कहाते, शैलेश कंगले, रमेश रणदिवे, महावीर घोडके, विजय संगवे, राजेश सावलकर, रवींद्र कोंडेकर, उमेश फुलंबरकर, रवींद्र नाकिल, प्रतीक संगवे, प्रमोद डेरे, महावीर गोसावी, श्रेणिक गोसावी आदि मंच पर उपस्थित थे।  समारोह की प्रस्तावना प्रमोद डेरे, आभार प्रदर्शन पवन अंबुरे ने माना। स्वहितवाल त्रिमासिक, आर्यनंदी डाक्यूमेंट्री, आर्यनंदी नमोस्तुते का विमोचन अतिथियों के हस्ते हुआ। ढोरकिन ग्राम के सरपंच विनोद बोंबले ने समारोह के लिए विशेष सहयोग किया।
दिलीप घेवारे ने मार्गदर्शन भाषण में कहा वात्सल्य दिन यह समारोह प्रति वर्ष ढोरकिन में हो होगा। आर्यनंदीजी गुरुदेव सकल जैन समाज के लिए कल्पवृक्ष थे। गुरुदेव ने समाज के लिए किए उपकार कभी भूलना ही नहीं चाहिए। आर्यनंदीजी गुरुदेव के विचारों से स्वयं और समाज का कल्याण होगा। मंदिर और पाठशाला के लिए तन मन धन खर्चा करे। शिष्यवृत्ति फंड को सहयोग की आवश्यकता हैं। यह संस्था अभी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंच चुकी हैं। गुरुदेव ने तीर्थरक्षा के लिए बहुत बडा काम किया हैं हम भूल नहीं सकते। तीर्थरक्षा के लिए गुरुदेव ने चीनी और घी का त्याग किया था। वात्सल्य दिन समारोह का शुभारंभ 17 मार्च को नागपुर में हुआ था और आज समापन ढोरकिन में हो रहा हैं। एक सप्ताह तक इस संस्था ने देशभर में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया था।
राष्ट्रीय महामंत्री नितिन नखाते ने कहा शिष्यवृत्ति, स्वास्थ, महिला सक्षमीकरण इस कार्यक्रम के लिए संस्था सर्वोच्च हैं। शिष्यवृत्ति फंड में सहयोग करने की अपील की। संस्था देश विदेश में सफलता झंडा फहरा रही हैं। 1995 में नागपुर में समाज ने आचार्यश्री आर्यनंदीजी गुरुदेव को पट्टाचार्य उपाधि से अलंकृत किया था। राजेंद्र नखाते, प्रतीक संगवे, सुरेशदादा कहाते, श्रीकांत धोपाडे, डॉ. रवींद्र भुसारी, रमेश रणदिवे, डॉ. राजेश फडकुले, महावीर घोडके आदि ने मार्गदर्शन किया। समारोह में मुंबई, नासिक, नागपुर, कारंजा, बीड, छत्रपति संभाजीनगर, जालना, इंदौर, भोपाल, अकोला, सोलापुर और देशभर से भक्त उपस्थित थे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here