प्रकृति की हर विरासत दूसरों को देने का काम करती है जिस प्रकार सूर्य अपनी रोशनी प्रकाश सबको देता है ठीक उसी प्रकार जैन धर्म दर्शन को समर्पित विगत 31 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले, 15 लाख मासूम बच्चों को मांसाहारी होने से बचाने वाले, 165 देशों में पारस टीवी चैनल के माध्यम से जैन धर्म दर्शन का प्रचार करने वाले, जैन युवा पत्रकार गौरव, सर्वश्रेष्ठ संवाददाता अवार्ड विजेता,जैन समाज की अनमोलमणि, भजन गायककार हाडोती के कलमकार राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी श्री पारस जैन पार्श्वमणि जी वास्तव में संपूर्ण भारत वर्ष की जैन समाज की अनमोल मणि से कम नहीं है। आपकी माता सद संस्कारो से युक्त प्यार ममता वात्सल की मूर्ति व स्व.श्रीमती शांति देवी पिता धर्मनिष्ठ श्री विमल चंद जैन है । आप प्रभाव शाली व्यक्तित्व के धनी है एक बार जो आपके संपर्क में आ जाता है आपका ही होकर रह जाता है। आपने इंडिया नहीं भारत बोलो विषय पर जो गीत लिखा है वो सबके दिल को छू रहा है। श्री पारस जैन पार्श्वमणि का संपूर्ण जीवन की हर सांस हम ना सोचे हमें क्या मिला है हम यह सोचे किया क्या है अर्पण फुल समता के बाटे सभी को सबका जीवन ही बन जाए मधुबन के लाइनों पर समर्पित है भारत देश के अभी तक आपको 500 से अधिक मंचों पर भाव भीना अभिनंदन कर सम्मानित किया जा चुका है । विगत 31 वर्षों की कवरेज फाइल भी आपके पास में है आपने मेरी भावना संपूर्ण भारत वर्ष की शिक्षण संस्थाओं के पाठयक्रम में शामिल हो और प्रार्थना के रूप में बोली जाए बहु चर्चित रहा जिसको देश के प्रमुख समाचार पत्रों ने गुजराती, मराठी, तमिल, कन्नड़ भाषा में प्रमुखता के प्रकाशित किया। आपके जीवन का प्रमुख लक्ष्य है मेरी भावना प्राणी मात्र की मेरी भावना बन जाए। आपकी धर्मनिष्ठ धर्मपत्नी श्रीमति सारिका जैन एवम दो सुपुत्रिया कुमारी खुशबू जैन कुमारी गरिमा जैन है । आपकी विवाहित बहिन श्रीमति ममता जैन दामाद श्री राजेंद्र जैन अजमेरा है। श्री पारस जैन पार्श्वमणि जी जब अपनी सुरीली मधुर आवाज में भाव भरे भजनों की प्रस्तुति देते है तो श्रद्धालुगण भाव विभोर हो झूमने लग जाते है। आपको समस्त जैन साधु संतो का मंगल आशीर्वाद प्राप्त है। हम आपके मंगलमय जीवन की प्रार्थना करते है । आप निरंतर सफलता के शिखर की ओर बढ़ते रहे यह मंगल भावना कामना है।
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