21 अप्रैल को हिंगणघाट में आचार्य श्री विरागसागरजी ससंघ का भव्य आगवाणी

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20 वर्ष बाद जलद ही गुरु शिष्य का भव्य दिव्य मिलन 21 एप्रिल 2024 भगवान महावीर जन्मकल्याणक अवसर शुभ दिन अभुतपुर्व महामिलन महाराष्ट्र प्रात मे हिंगणघाट में होने जा रहा है

भगवान की भक्ति से दुर्लभ से दुर्लभ कार्य भी सुलभ हो जाता है। आगम में उल्लेख है जिनेन्द्र भगवान के जितने नाम है वे सभी मंगल है, मुनियों की सेवा मंगल है, आगम वाक्य मंगल है और पंच कल्‌याणक प्रतिष्ठा मंगल है, विश्व, राष्ट्र, देश, नगर व प्राणी मात्र के लिए मंगल कारक है उक्त उद्‌गार प. पू. श्रमण मुनिश्री 108 विशेषसागर जी गुरुदेव ने धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए कहा।

पू. मुनि श्री ने कहा सम्पूर्ण हिंगणघाट वासियों के पुण्योदय से आपके नगर में प्रथम बार दिनांक 21 से 27 अप्रैल 2024 तक श्री 1008 मज्जिनेन्द्र पंच कल्याणक प्रतिष्ठा , रथोस्थव व विश्वशांति महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है जैन दर्शन की सबसे बड़ी पूजा पंच कल्‌याणक प्रतिष्ठा माना गया है। जो व्यत्ति, मन, वचन, काय व तन, मन, धन से इस महामहोत्सव में भाग होता है वह शाश्वत सुख को प्राप्त करता है। पू. मुनि श्री विशेषसागरजी गुरुदेव के प्रेरणा से 300 वर्ष प्राचीन मंदिर का जिर्णोद्धार कार्य पूर्णता की और है।

इस प्रतिष्ठा में पूर्ण सान्हिध्य देने हेतु मुनिश्री विशेषसागर जी महाराज के शिक्षा दिक्षा प्रदाता गुरु प. पू भारत गौरव, राष्ट्रसंत गणाचार्य श्री 108 विरागरागर जी महामुनिराज ससंघ ( 32 ) साधुओं का 16 मार्च 2024 को अतिशय क्षेत्र श्रेयांसगिरि (म. प्र.) से महाराष्ट्र की और मंगह विहार हुआ था 11 अप्रैल 2024 को 5.00 बजे आचार्य श्री ससंघ का महाराष्ट्र की पुण्य भूमि में मंगल पदार्पण हुआ। पू. आचार्यश्री प्रतिदिन २०-२२ किलो मीटर पद विहार करते हुए 21-5-2024 को भगवान महावीर स्वामी के जन्म जयंति के दिन हिंगणघाट पहुंचेगें। यहाँ सम्पूर्ण ग्राम वासियों के द्वारा बिडकर कोलेज के पास प्रातः 7.00 बजे स्वागत किया जायेगा 7.30 बजे अंबेडकर चौक में गुरु-शिष्य का मिलन होगा । नगर भ्रमण करते हुए संघ बी- एल मोहन कंपाऊंड, राम मंदिर वार्ड पहुँचेगा, 10-00 बजे से स्वागत गीत, गुरु पूजा, शास्त्र भेंट व पू आचार्य श्री के प्रवचन होगें।

✍️@विनोद रोकडे जैन मालेगांव

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