(हवा में छुपी ऊर्जा को जानिए) विश्व पवन दिवस —- विद्यावाचस्पति डॉक्टर अरविन्द प्रेमचंद जैन भोपाल

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हमारी स्रष्टि पंचमहाभूतामक से निर्मित हैं –पृथ्वी, वायु, जल ,अग्नि, आकाश इनका वर्तमान में इनका बहुत दोहन किया जा रहा हैं और किया जा चूका हैं .इससे हमारी जलवायु और मौसम पर विपरीत प्रभाव के कारण आज मानव .पशु पक्षी और जंगलों पर असंतुलन होने से पूरी स्रष्टि में दुःख ,अशांति और मानसिक शारीरिक कष्टों को भोग रहे हैं .यह दोहन लगातार चलता रहेगा तब तक अशांति का सामना करना होगा .
मुख्य रूप से बिमारियों का कारण अतियोग हीनयोग और मिथ्यायोग हैं .आज हम अतियोग और मिथ्यायोग का प्रादुर्भाव होने से प्राकर्तिक असंतुलन होने के परेशानी का सामना कर रहे हैं .
: हर साल 15 जून को वर्ल्ड विंड डे मनाया जाता है. इस दिन को ग्लोबल विंड डे के नाम से भी जाना जाता है.
बदलते दौर में दुनिया भर में लोगों को पवन ऊर्जा के प्रति जागरूक करने के लिए हर वर्ष 15 जून को वर्ल्ड विंड डे मनाया जाता है। इस दुनिया में मौजूद ऊर्जा का सबसे बड़ा और Freely available ऊर्जा स्रोत में से हवा या पवन एक है। क्या आपने कभी सोचा है कि यदि हवा न होती तो हमारा जीवन कैसे होता है।
हर वर्ष 15 जून को ग्लोबल विंड डे मनाया जाता है। इस वर्ष यानि २०२३ में ग्लोबल विंड डे 15 जून, गुरूवार को मनाया जायेगा। इसका आयोजन यूरोपियन विंड एनर्जी एसोसिएशन और ग्लोबल विंड एनर्जी काउंसिलद्वारा किया जाता है। हवा ऊर्जा का सबसे बड़ा स्रोत है। यह असीमित ऊर्जा है। भारत में पवन ऊर्जी का उपयोग मात्र 10 प्रतिशत किया जाता है।
हवा एक ऐसा स्रोत है जो नौकरी और अर्थव्यवस्था के विकास को बढ़ावा देने में सक्षम है। हवा एक निःशुल्क ऊर्जा है। पवन ऊर्जा से प्रदूषण नहीं होता है। भारत के राजस्थान, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, केरल जैसे देश पवन ऊर्जा पर विशेष ध्यान दे रहे है। पवन ऊर्जा से कार्बन उत्सर्जन कम होता है। पवन ऊर्जा को नवीकरणीय ऊर्जा भी कहा जाता है। कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए नवीकरणीय औद्योगिक अरबों डॉलर के साथ पवन ऊर्जा पर निवेश कर रहे है।
वैश्विक पवन दिवस मनाने की घोषण यूरोपियन विंड एनर्जी एसोसिएशन और ग्लोबल विंड एनर्जी काउंसिल द्वारा 2007 में की गयी तथा 2009 में इसे वैश्विक स्तर पर पहली बार मनाया गया था। 2007 में 18 देशों ने मिलकर फैसला लिया और 35000 लोग शामिल हुए। वर्तमान समय में इसमें 100 से अधिक देश शामिल हो गये। जो पवन ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहे है।
हवा या पवन हमारे जीवन के लिए महत्वपूर्ण है। वायु के बिना हम जीवित नहीं हर सकते है। अगर आप सोचते होंगे कि हवा केवल सांस लेने के लिए है। तो ऐसा सोचना गलत है। हवा सांस लेने के साथ-साथ हमारे जीवन में औद्योगिक महत्व भी है। हवा से हम पवन चक्की चला सकते है, विद्युत उत्पन्न कर सकते है।
हवा से है स्वच्छ ऊर्जा की सम्भावनाएँ,
आओ मिलकर विश्व पवन दिवस मनाएं.
प्रकृति को बिना नुकसान पहुंचाए
पवन ऊर्जा का दोहन करें,
अगर कही कोई कमी और समस्या हो
तो तकनीकी में संशोधन करें.
देश के युवा पवन ऊर्जा में देश को अग्रणी बनाएं,
आपको ‘विश्व पवन दिवस’ की हार्दिक शुभकामनाएं.
हवा में छुपी ऊर्जा को जानिए,
विज्ञान की ताकत को पहचानिये।
पवन की असीमित ऊर्जा के दोहन में
प्राकृतिक हवा प्रदूषित नहीं होती है,
ये जो शुद्ध प्राकृतिक हवा होती है,
हकीकत में मनुष्य के लिए दवा होती है.
जहाँ भी पवन से ऊर्जा उतपन्न करनेकी संभावनाएं है. वहाँ पवन से पवन ऊर्जाका दोहन करना चाहिए। इससे समाज कोआर्थिक प्रगति मिलेगी। रोजगार के नये अवसर भी मिलेंगे।
पहाड़ी क्षेत्रों में हवाएं तेज चलती है, इसलिए अधिकत्तर विंड टरबाइन ,पहाड़ी क्षेत्रों में लगाएं जाते है.

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