मुनि श्री समत्व सागर ससंघ के पावन आशीर्वाद व सानिध्य में हुआ जिन सहस्त्रनाम विधान
वस्तु तब तक ही आनंद देती है जब तक अपने पास नहीं है
मुनि समत्व सागर
फागी संवाददाता
जयपुर – जनकपुरी ज्योति नगर जैन मन्दिर में निर्मित भव्य स्वर्ण आभा युक्त सहस्र कूट जिनालय के स्थापना दिवस के उपलक्ष पर दो दिवसीय आयोजन किए जा रहे है आयोजन में श्रमण मुनि समत्व सागर व मुनि शील सागर का प्रबंध समिति ,युवा मंच ,महिला मण्डल व समाज जन द्वारा भव्य अगवानी ,पाद प्रक्षालन तथा आरती कर स्वागत किया गया कार्यक्रम में प्रबंध समिति अध्यक्ष पदम जैन बिलाला ने बताया कि 8 फरवरी शनिवार को त्याग मूर्ति आचार्य श्री १०८ प्रसन्न सागर जी महाराज व गणिनी आर्यिका गौरव मति माताजी के सानिध्य में वर्ष २०१८ में हुये पंचकल्याणक की याद में, श्रमण मुनि श्री १०८ समत्व सागर जी ससंघ के पावन आशीर्वाद व सानिध्य में भव्यता के साथ प्रातः जिनालय परिषर में मण्डल पर भगवान श्री १००८ नेमिनाथ की प्रतिमा पाण्डुक शीला पर विराजित कर अभिषेक तथा विश्व शांति हेतु शान्तिधारा करने का प्रकाश चन्द -बीना गंगवाल परिवार को सौभाग्य प्राप्त हुआ इसके बाद जिन सहस्र नाम महामण्डल पूजन विधान का संगीतमय आयोजन हुआ ।महिलाओं द्वारा मण्डल पर मंगल कलश स्थापित किए गए कार्यक्रम में मुनि श्री समत्व सागर जी का पाद प्रक्षालन का सुअवसर लाड देवी- जिनेन्द्र जैन परिवार को मिला । मुनि श्री ने अपने मंगलमय आशीर्वाद में कहा की वस्तु तब तक ही आनंद देती है जब तक वह हमारे पास नहीं है ।उन्होंने कहा की सहारा पंचपरमेष्ठी का लेवो आपकी नैया को पार लगाएगा, इससे पूर्व मुनि शील सागर ने मंगलाचरण में तीर्थंकर नेमिनाथ का वंदन किया , प्रात: गुम्बज में विराजित खड़गाशन प्रतिमाओं के अभिषेक आदि किए गए । विधान पूजन में भगवान के १००८ नामों के अर्घ्य विद्वान शिखर चंद जैन किरण जैन के सानिध्य में समाज के श्रावकों द्वारा भक्ति भाव के साथ तथा स्वाहा स्वाहा बोलते हुए चढ़ाये गए ।
इसी प्रकार रविवार को भी कई आयोजन किए गए जिसमे दोपहर में क्षेत्रपाल बाबा का चोला पूजन का आयोजन तथा शाम को नेमिनाथ दीप अर्चना प्रमुख है।