माघ मास के पर्यूषण पर्व के दसवें दिन उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म पर पाठशाला के बच्चो ने गायक रूपेश कुमार जैन के भजन सुन शांति पाठ किया

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दिगंबर जैन पाठशाला डडूका के बच्चों ने माघ मास के पर्यूषण पर्व के दसवें दिन उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म पर जैन भजन गायक रूपेश कुमार के भजन प्रोजेक्टर पर देखे। इस अवसर पर दश धर्म आधारित टेली फिल्म देखी, तथा पवित्र ग्रंथ तत्वार्थ सूत्र जो संस्कृत भाषा में रचित है, के प्रथम अध्याय को कंठस्थ कर स स्वर पाठ किया। पाठशाला प्रेरक अजीत कोठिया ने बच्चों को पर्यूषण पर्व के दश दिवसीय आयोजन एवं दश धर्मों उत्तम क्षमा, मार्दव, आर्जव, सत्य, शौच, संयम, तप, त्याग, आकिंचन्य एवं उत्तम ब्रह्मचर्य पर जानकारी दी। कोठिया ने बताया कि पर्यूषण पर्व वर्ष में तीन बार मनाए जाते है। इस बार ये पर्व 02फरवरी से प्रारंभ हुए हैं जो 11फरवरी माघ शुक्ल चतुर्दशी पर संपन्न हुए। बच्चो ने सामूहिक दश लक्षण पूजा कर शांतिपाठ कर विश्व शांति की कामना की। पर्व के दौरान विमलनाथ जन्म तप कल्याणक, अजित नाथ जन्म तप कल्याणक, अभिनंदन नाथ जन्म तप कल्याणक, धर्मनाथ भगवान जन्म तप कल्याणक तथा युगाचार्य
विद्या सागरजी महाराज के प्रथम समाधि दिवस पर विविध आयोजन किये गए। सभी कार्यक्रमों का संचालन अजीत कोठिया ने किया, आभार पाठशाला के प्रधानमंत्री रियल जैन तथा कार्यकारिणी सदस्यों हर्षल जैन, मानवी जैन, कथनी जैन, मिष्ठी जैन, निश्चल जैन, कल्प जैन,सिद्धम जैन, भाग्य जैन तथा दिव्य जैन ने किया। बच्चो को वीडियो कॉल पर प्रसिद्ध जैन भजन गायक रूपेश कुमार जैन ने मंगल आशीर्वाद दिया। रूपेश जैन ने पाठशाला प्रेरक अजीत कोठिया, धनपाल शाह तथा मनोज शाह द्वारा पाठशाला के माध्यम जैन संस्कारों के संरक्षण हेतु किए जा रहे प्रयासों की सराहना की।

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