नैनवा 15 अक्टूबर मंगलवार प्रातः 8:30 पर शांतवीर धर्मस्थल जैन मुनि श्रुतेशसागर जी महाराज ने धर्म सभा को बताया
इस संसार में प्राणी मात्र का कल्याण करने वाली प्रभु की वाणी है इसका स्मरण करने मात्र से आत्मा का कल्याण होता है
वाहन चलाने वाला चालक सही तरह कैसे चलाने पर ही हम निश्चित स्थान पर पहुंच सकते हैं
अच्छा गायकार धर्म सभा में अच्छा गाने पर ही भक्त नृत्य करने लगते हैं
मुनि ने बताया मुनि शांत स्वभाव वाले होते हैं मुनि कभी गुस्सा नहीं करते गुस्सा के त्यागी होते हैं भक्त को जब भी डांट लगाएंगे उसके भले होने के लिए लगाते हैं भक्त को सदैव ही शत मार्ग पर चलने का उपदेश देते हैं
मुनि ने कहा कि आप ऐसे बनो की लोग आपके आने का इंतजार करें जाने का नहीं मनुष्य के अच्छा कर्म ध होने पर ही लोग उन्हें याद करते हैं कुछ लोगों के पास कुछ भी नहीं होता
कुछ लोगों के पास सब कुछ होता है मकान माता-पिता भाई बंधु परिवार देव शास्त्र गुरु का सानिध्य यह सब पुन्य से प्राप्त होता है यह सब मुनि ने पुण्य होने पर ही बताया ऐसी वस्तुओं का प्राप्त होना बिना पुण्य के नहीं है जीव अकेला ही आया है संसार में अकेला ही उसे जाना है केवल उसके कर्म ही उसके साथ जाएंगे
महावीर कुमार सरावगी
दिगंबर जैन समाज प्रवक्ता नैनवा
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