यह कोल्हापुर के दिगंबर जैन नांदनी मठ मंदिर में यह हथिनी 35 सालों से मंदिर मठ में रह रही थी,। धर्म समाज प्रचारक राजेश जैन दद्दू ने बताया कि किसी ने गलत जानकारी पेटा को देने के कारण अचानक पेटा (PETA) ने आकर
एक रिपोर्ट किसी साजीश के तहत गलत पेश की जिसमें दावा किया गया कि हथिनी घायल है, और उसे वनतार को सौंपने के लिए अदालत में एक याचिका दायर की गई और अदालत ने भी पेटा के दबाव में आकर पेटा के पक्ष में आदेश जारी कर दिया जिसका की नादंनी मठ के भट्टाराकं जी के साथ हजारों समाज जन हज़ारों जैन, गैर-जैन और सनातनियों समाज जन के विरोध के बावजूद,
हाई कोर्ट ने सभी अनुरोधों को खारिज कर दिया और हाथी को वनतार ले गए.. इसका पुरे भारतवर्षीय जैन समाज एवं शाकाहार में विश्वास करने वाली समाज भी पेटा के इस कृत्य से आहत हैं। माधुरी हथनी बगेर जिन दर्शन के भोजन पानी भी नहीं ग्रहण करती एवं रात्रि में भी भोजन नहीं करती थी। इंदौर दिगम्बर जैन समाज के वरिष्ठ जन ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि माधुरी हथनी को पुनः नादंनी मठ को सोपा जाएं नहीं तो माधुरी हथनी के लिए चरण वध आंदोलन किया जाएगा। समाज के वरिष्ठ डॉ जैनेन्द्र जैन महावीर ट्रस्ट के अध्यक्ष अमित कासलीवाल फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोहर झांझरी सुशील पांड्या हंसमुख गांधी टीके वेद मंयक जैन नरेंद्र वेद नकूल पाटोदी एवं पुष्पा कासलीवाल,रेखा जैन श्रीफल मुक्त जैन आदि समाज ने माधुरी हथनी को वापस रिहा कर नादंनी मठ को सोपा जाएं । राजेश जैन दद्दू ने कहा कि
जो लोग एक बकरी भी नहीं बचा सकते,
वे उन अनमोल जानवरों को जबरन ले जाते हैं जो दशकों से प्यार से पाले गए हैं.जानवरो पर अत्याचार करते हैं। इस घटना का श्रंमण संस्कृति के परम पूज्य श्रुत संवेगी मुनि आदित्य सागर जी ने भी इस पेंटा कानून का विरोध करते हुए सरकार को भी चेतावनी दी है।
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