वीतराग विज्ञान सद्ज्ञान है जिसका कभी नाश नहीं होता

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विज्ञान नगर जैन मंदिर में विशाल धर्मसभा

कोटा
दिगंबर जैन मंदिर विज्ञान नगर में मुनि नीरज सागर जी एवं मुनि निर्मद सागर जी महाराज का मंगल प्रवेश हुआ । मंदिर समिति के अध्यक्ष राजमल पटौदी ने बताया कि संत शिरोमणि आचार्य विद्यासागर जी महाराज के शिष्य मुनि नीरज सागर जी एवं मुनि निर्मद सागर जी महाराज का महावीर नगर द्वितीय जैन मंदिर से बिहार होकर कॉमर्स कॉलेज चौराहे से भव्य शोभा यात्रा के साथ विज्ञान नगर जैन मंदिर में भव्य मंगल प्रवेश हुआ ।
मुनि निर्मद सागर जी महाराज ने धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान में प्रत्येक व्यक्ति किसी भी विषय को विज्ञान के तर्क की कसौटी पर कसकर ही स्वीकार करता है। जैन दर्शन वीतराग विज्ञान से प्रारंभ होता है यह श्रद्धा का विषय है एवं संयम तप त्याग और साधना से कर्मों को जलाकर आत्मा को प्राप्त करने का विज्ञान है ।
मुनि नीरज सागर जी महाराज ने बताया कि वीतराग विज्ञान सद्ज्ञान है जिसका कभी नाश नहीं होता परंतु मनुष्य भौतिक साधनों की ओर आकर्षित होकर अज्ञान की ओर बढ़ते हुए जीवन को दुखी बना रहे हैं । गांव के प्राकृतिक सौंदर्य को छोड़कर शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं एवं सहजता और सरलता को को खोते जा रहे हैं । जीवन को सुखी बनाने के लिए वीतराग विज्ञान को अपनाने की आवश्यकता है ।
मंत्री पी के हरसोरा ने बताया कि धर्म सभा का प्रारंभ मंगलाचरण से पारुल एवं सरिता ने किया ।भगवान महावीर एवं आचार्य विद्यासागर के चित्र का अनावरण एवं दीप प्रज्वलन सकल दिगंबर जैन समाज द्वारा किया गया ।आचार्य विद्यासागर की संगीतमय पूजन करते हुए अष्ट द्रव्य समर्पित किए गए । राजमल पटौदी चैतन्य प्रकाश बंसल मनोज आशीष जयसवाल प्रदीप अजमेरा त्रिलोक लुहाड़िया के द्वारा शास्त्र भेंट किए गए । सायंकाल गुरु भक्ति का कार्यक्रम हुआ । राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी पारस जैन पार्श्वमणि ने जानकारी देते हुवे बताया कि
मंगल प्रवेश में सकल समाज के अध्यक्ष विमल नांता महामंत्री विनोद टोरडी कार्याध्यक्ष जेके जैन रितेश सेठी राकेश चप्पलमन राजेश बंटी संजय निर्माण विमल जैन आर के पुरम रिद्धि सिद्धि बोरखेड़ा एवं बालिता के कई समाज बंधु उपस्थित रहे ।
प्रस्तुति
पारस जैन पार्श्वमणि पत्रकार कोटा
राजस्थान

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