विश्वास एक ऐसा धागा है जो टूटते रिश्तों को बिखरने से बचा लेता है

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विश्वास एक ऐसा धागा है जो टूटते रिश्तों को बिखरने से बचा लेता है।अन्तर्मना आचार्य श्री 108 प्रसन्न सागर जी महाराज
औरंगाबाद  उदगाव नरेंद्र /पियूष जैन भारत गौरव साधना महोदधि    सिंहनिष्कड़ित व्रत कर्ता अन्तर्मना आचार्य श्री 108 प्रसन्न सागर जी महाराज एवं सौम्यमूर्ति उपाध्याय 108 श्री पीयूष सागर जी महाराज ससंघ का महाराष्ट्र के ऊदगाव मे 2023 का ऐतिहासिक चौमासा   चल रहा है इस दौरान  भक्त को  प्रवचन  कहाँ की
वैवाहिक जीवन में विश्वास आधी सफलता है, और अविश्वास आधी मौत..!
एक पति पत्नी में रोज चिक चिक – झिक झिक होती थी। पति ने अटैची तैयार की और पत्नी से बोला अब मैं तेरे साथ नहीं रहूंगा और घर से सीधे रेल्वे स्टेशन निकल गया। वह जैसे ही ट्रेन पर चढ़ने लगा तो आवाज आई-? इसमें मत चढ़ो, ये पटरी से उतर जायेगी। वह व्यक्ति एयरपोर्ट गया। जैसे ही प्लेन में बैठने लगा, फिर एक आवाज आई-? इसमें मत बैठो, यह क्रैश हो जायेगी।वहां से वह बस स्टैंड गया, बस में जैसे ही चढ़ने लगा तो फिर आवाज आई – ये बस खाई में गिर जायेगी।उस व्यक्ति को बहुत गुस्सा आया और बोला आप कौन है-?
आवाज आई, मैं भगवान हूं। वह व्यक्ति रोते बिलखते बोला – प्रभु जब मैं घोड़ी पर चढ़ रहा था तब आपका गला बैठ गया था क्या-?
बात समझने की है- पति और पत्नी के रिश्तो में जितनी सहनशीलता, सामंजस्य, मधुरता और एक दूसरे के प्रति जितना गहरा विश्वास का भाव होगा, उतना ही आपसी प्रेम सम्बन्धों में प्रगाढ़ता आयेगी। विश्वास एक ऐसा धागा है जो टूटते रिश्तों को बिखरने से बचा लेता है। आज के रिश्तों में सिर्फ भरोसा ही है जो बिखरने से बचा लेता है।अन्यथा रोज रोज घुट घुट के जीना, और कूट कूट कर मरना। एक दूसरों की गलतियों को स्वीकार करो और फिर दुबारा नहीं करने का संकल्प लो।कभी भी आपसी वाद विवाद में अतीत की बातों को ना लायें अन्यथा अतीत की बातों का पिटारा आज के दाम्पत्य जीवन का सत्यानाश कर देगा।
_सौ बात की एक बात_ –
साथ रहने का हुनर ताले से सीखना चाहिए, ताला टूट जायेगा मगर चाबी नहीं बदलेगा…!!!।  नरेंद्र अजमेरा पियुष कासलीवाल औरंगाबाद

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